मिग-21 हादसे में मारे गये फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के गम में डूबा जम्मू का आरएस पुरा, तिरंगे में लिपटे शव को देखकर लोगों की आंखें हुईं नम
By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 30, 2022 04:40 PM2022-07-30T16:40:36+5:302022-07-30T16:44:48+5:30
मिग-21 हादसे में मारे गये फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल का पार्थिव शरीर जब उनके जम्मू स्थित आरएस पुरा के घर पहुंचा तो तिरंगे में लिपटे उनके शव को देखकर पूरे गांव की आंखें नम हो गईं।
जम्मू: राजस्थान के बाड़मेर में वायुसेना के मिग-21 विमान हादसे में मारे गये जम्मू के आरएस पुरा निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल का पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा तो तिरंगे में लिपटे शव को देखकर पूरे गांव की आंखें नम हो गईं। 26 साल के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के घर पहुंचे हजारों लोगों ने भारत माता की जय और अद्वितीय बल जिंदाबाद के नारे लगाए।
जैसे ही वायु सेना के जवान राष्ट्रीय ध्वज से सजे अद्वितीय बल का पार्थिव शरीर गांव में लेकर पहुंचे वातावरण में अद्वितीय बल अमर रहें के नारे गूंजने लगे। हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर सड़क किनारे खड़े युवा भारत माता की जय के नारे भी बुलंद कर रहे थे।
वीर अद्वितीय के अंतिम दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों की आंखे नम थी। जैसे ही अद्वितीय का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा। फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल की मां, दादी, परिवार के अन्य सदस्य और मोहल्ले के लोग बिलख-बिलख कर रोने लगे। अंतिम रस्मों को पूरा कर लिया गया है। बलिदानी अद्वितीय का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके अंतिम दर्शन करने के लिए राजनीतिक, सामाजिक व प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे थे।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल की मां इस दौरान लगातार कहती रहीं कि मेरा बच्चा चला गया, अब मुझे भी नहीं जीना है। परिवार के अन्य सदस्यों का भी रो-रो कर बुरा हाल है। अद्वितीय बल का छोटा भाई हर्षित बल इंजीनियर है। दादा व दादी पोते की तस्वीर हाथों में लेकर इस हादसे के चलते दुखी हैं।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि 16 जुलाई को ही अद्वितीय बल का जन्मदिन था। उस दिन परिवारों वालों से उनकी बात भी हुई थी और उस समय बल ने अगस्त के पहले सप्ताह में छुट्टी पर आने के लिए कहा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। अद्वितीय ने सैनिक स्कूल नगरोटा में कक्षा छह में दाखिला लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2014 में एनडीए की परीक्षा पास की और वर्ष 2018 में अद्वितीय फ्लाइंग आफिसर बने।
अद्वितीय के मुहल्ले में रहने वाले 23 साल मुकेश कुमार ने बताया कि जिंदड़ मेहलू के सभी युवा अद्वितीय की बहुत इज्जत करते हैं। वह हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। उसके मन में देश सेवा की भवना कूट-कूटकर भरी थी। यही वजह थी कि उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए कड़ी मेहनत व पढ़ाई की और सफलता भी हासिल की।