जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों के 68600 करोड़ रुपये बट्टे खाते में, आरबीआई ने दिया जवाब

By भाषा | Published: April 29, 2020 04:39 AM2020-04-29T04:39:53+5:302020-04-29T04:39:53+5:30

आरटीआई के तहत दी गई जानकारी के मुताबिक रोटोमेक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर 2,850 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया है।

Rs 68600 crore write-off of those who deliberately did not repay the loans of banks, RBI replied | जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों के 68600 करोड़ रुपये बट्टे खाते में, आरबीआई ने दिया जवाब

जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों के 68600 करोड़ रुपये बट्टे खाते में, आरबीआई ने दिया जवाब

Highlightsइसके बाद आरईआई एग्रो का नाम है जिसपर 4,314 करोड़ रुपये का बकाया है। तीसरे नंबर पर विनसम डायमंड्स है जिसपर बैंकों का 4,076 करोड़ रुपये का बकाया है।

नयी दिल्ली: देश के बैंकों ने भगोड़े आर्थिक अपराधी मेहुल चोकसी और विजय माल्या से जुड़ी कंपनियों सहित जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाली शीर्ष 50 डिफाल्टर कंपनियों के 68,607 करोड़ रुपये के बकाये को तकनीकी रूप से बट्टे खाते में डाल दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। बैंक के अनुसार यह स्थिति 30 सितंबर 2019 तक की है। रिजर्व बैंक से आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने रिजर्व बैंक से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रिजर्व बैंक के इस जवाब को सार्वजनिक करते हुए जान-बूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले शीर्ष 50 कर्जदारों की सूची जारी की।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कहा कि उन्होंने सरकार से संसद में बैंक का कर्ज नहीं लौटाने वाले 50 बड़े डिफाल्टरों के बारे में जानकारी मांगी थी लेकिन वित्त मंत्री उनके सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब आरबीआई ने यह सूची जारी की है जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और भारतीय जनता पार्टी के कई ‘‘मित्र’’ इसमें शामिल हैं। गांधी ने हिन्दी में जारी ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने संसद में सीधा सवाल पूछा था -- देश के 50 सबसे बड़े बैंक कर्ज डिफाल्टरों को नाम बताइये।

वित्त मंत्री ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार किया। अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के कई मित्रों के नाम इस धोखाधड़ी करने वालों की सूची में जारी किये हैं। यही वजह है कि संसद में इस सच्चाई को छुपाया गया।’’

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने 2014 से लेकर सितंबर 2019 तक 6.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये। बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों की रिजर्व बैंक की इस सूची में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स शीर्ष पर है। जिसने 5,492 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया है। इसके बाद आरईआई एग्रो का नाम है जिसपर 4,314 करोड़ रुपये का बकाया है। तीसरे नंबर पर विनसम डायमंड्स है जिसपर बैंकों का 4,076 करोड़ रुपये का बकाया है।

आरटीआई के तहत दी गई जानकारी के मुताबिक रोटोमेक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर 2,850 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया है। इसके अलावा कुडोस केमी लिमिटेड ने 2,326 करोड़ रुपये, रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड जिसपर अब रामदेव की पतंजलि का स्वामित्व है, ने 2,212 करोड़ रुपये और जूम डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड ने 2,012 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाया है।

माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस का इस सूची में नौवां नंबर है जिसपर 1,943 करोड़ रुपये का बकाया है। जिसे बैंकों ने तकनीकी रूप से बट्टे खाते में डाल दिया है। इसी प्रकार फारएवर प्रीसियस ज्वैलरी एण्ड डायमंड्स प्रा. लिमिटेड पर 1,962 करोड़ का बकाया बट्टे खाते में डाले गये हैं।

डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड पर 1,915 करोड़ रुपये का बकाया बट्टे खाते में डाला गया। आरटीआई जवाब के मुताबिक चोकसी की अन्य कंपनियों गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड्स पर भी क्रमश: 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये का बकाया बट्टे खाते में डाला जा चुका है। आरईआई एग्रों के झुनझुनवाला बंधु पहले से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के घेरे में हैं जबकि विनसम डायमंड्स के मालिकों की कथित धोखाधड़ी पर भी सीबीआई, ईडी जांच कर रहा है।

विक्रम कोठारी की कंपनी रोटोमेक इस सूची में चौथे नंबर पर है। वह और उनके पुत्र राहुल कोठारी को बैंक कर्ज धोखाधड़ी के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें गिरफ्तार किया है। संसद के पिछले सत्र में राहुल गांधी ने सरकार से देश के बैंक कर्ज नहीं चुकाने वाले शीर्ष 50 डिफाल्टरों की सूची उपलब्ध कराने को कहा था। इसको लेकर लोकसभा में तीखे आरोप प्रत्यारोप हुये और हंगामा भी हुआ। सुरजेवाला ने इस मामले में प्रधानमंत्री से जवाब मांगा है कि इन उद्योगपतियों से जुड़ी कंपनियों के कर्ज क्यों माफ किये गये। 

Web Title: Rs 68600 crore write-off of those who deliberately did not repay the loans of banks, RBI replied

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