कश्मीर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को लेकर आरपीएफ अधिकारी की चिट्ठी वायरल, मंत्रालय ने दी सफाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 29, 2019 10:11 AM2019-07-29T10:11:32+5:302019-07-29T10:11:32+5:30
मंत्रालय ने इस चिट्ठी पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए ऐसी किसी आशंका का पूरी तरह से खंडन किया है।
'कश्मीर में लंबे समय तक कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। इसलिए कर्मचारी चार महीने का राशन इकट्ठा कर लें।' ये अंश रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक सहायक सुरक्षा आयुक्त की चिट्ठी का है। सुदेश नुग्याल की ये चिट्ठी वायरल होने के बाद रेल मंत्रालय सकते में आ गया और आनन-फानन बयान जारी कर इस चिट्ठी का खंडन किया है। रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि इस चिट्ठी का कोई आधार नहीं है।
आरपीएफ के सुरक्षा अधिकारी सुदेश नुग्याल ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी साझा किया। इसमें लिखा गया था कि हाल ही में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की बैठक हुई जिसमें एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। कश्मीर घाटी में लंबे समय तक कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। मंत्रालय ने इस चिट्ठी पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए ऐसी किसी आशंका का पूरी तरह से खंडन किया है।
नुग्याल ने कर्मचारियों से कम से कम चार महीने के लिए राशन इकट्ठा कर लेने और अपने परिवार को घाटी के बाहर पहुंचा आने समेत एहतियाती कदम उठाने का आह्वान किया है। लेकिन रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि यह पत्र वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त से बस एक पद नीचे के अधिकारी द्वारा बिना किसी अधिकार के पत्र भेजा गया जबकि वह 26 जुलाई से एक साल के अध्ययन अवकाश पर गये है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस अधिकारी ने अपनी धारणा के आधार पर यह पत्र जारी किया जिसका कोई आधार नहीं है और वह ऐसा पत्र जारी करने के लिए अधिकृत भी नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इस पत्र को अधिकृत करने वाले प्राधिकार से कोई मंजूरी नहीं मिली थी। आरपीएफ के महानिरीक्षक (एनआर) को स्थिति के आकलन और सुधार के कदम उठाने के लिए भेजा जा रहा है।
यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है जब राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 100 और कंपनियां राज्य में भेजे जाने को लेकर कश्मीरी नेताओं का एक वर्ग केंद्र की आलोचना कर रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर