रोमिला थापर पर रजिस्ट्रार ने कहा, जेएनयू को बदनाम करने की साजिश

By भाषा | Published: September 5, 2019 12:53 AM2019-09-05T00:53:17+5:302019-09-05T00:53:17+5:30

जेएनयू ने कहा कि पूर्व की नियुक्तियों में बहुत खामियां थीं और यह प्रक्रिया को व्यापक बनाने के लिए किया गया है, ताकि अधिक से अधिक प्रोफेसर एमेरिटी नियुक्त किए जा सकें। विश्वविद्यालय का यह बयान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के उस आरोप के एक दिन बाद आया है।

romila thapar jnu said it is conspiracy against institution | रोमिला थापर पर रजिस्ट्रार ने कहा, जेएनयू को बदनाम करने की साजिश

रोमिला थापर पर रजिस्ट्रार ने कहा, जेएनयू को बदनाम करने की साजिश

प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर को अपना ‘करिकुलम विटे’ (सीवी) जमा करने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय (जेएनयू) द्वारा एक पत्र भेजे जाने से छिड़े विवाद पर विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा कि ‘‘एक प्रोफेसर एमेरिटस के नाम” का इस्तेमाल कर प्रशासनिक सुधारों और नियमों के प्रयोग को बदनाम करने के लिए” “दुर्भावनापूर्ण अभियान” शुरू किया गया है। साथ ही, विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि इसके जरिए किसी प्राध्यापक को निशाना नहीं बनाया गया है।

जेएनयू ने कहा कि पूर्व की नियुक्तियों में बहुत खामियां थीं और यह प्रक्रिया को व्यापक बनाने के लिए किया गया है, ताकि अधिक से अधिक प्रोफेसर एमेरिटी नियुक्त किए जा सकें। विश्वविद्यालय का यह बयान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के उस आरोप के एक दिन बाद आया है, जिसमें उसने विश्वविद्यालय पर आरोप लगाया है कि वह इतिहासकार रोमिला थापर को अपना ‘करिकुलम विटे’ (सीवी) जमा करने के लिए भेजे गए पत्र को लेकर “सफेद झूठ” फैला रहा है।

शिक्षक संघ की मांग है कि 12 प्रोफेसर एमेरिटी को भेजे गए ऐसे पत्रों को तत्काल वापस लेने के अलावा निजी तौर पर माफी मांगी जाए। विश्वविद्यालय ने कहा, “किसी भी एमेरिटस प्रोफेसर को निशाना नहीं बनाया जा रहा, जैसा कि गलत आरोप लगाया जा रहा है” और “यह सिर्फ एक नियम लागू करने के संबंध में लाया गया, जो विश्वविद्यालय के नियम का हिस्सा है।” जेएनयू ने एक बयान में कहा, “कई खबरों और सोशल मीडिया पर व्यक्त किए जा रहे विचारों में जेएनयू में प्रोफेसर एमेरिटस मुद्दे पर एक तरफा विचार दिये जा रहे हैं।

स्पष्ट तौर पर विश्वविद्यालय के नियमों एवं व्यवस्था पर आधारित प्रशासनिक सुधारों और नियमों के प्रयोग को बदनाम करने के पीछे एक मकसद है।” विश्वविद्यालय ने कहा कि पिछले साल, जेएनयू कार्यकारी परिषद द्वारा उठाए गए एक कदम में विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस के पदों को बरकरार रखने और नियुक्तियों की प्रक्रिया को नियमित करना शामिल था।

जेएनयू कार्यकारी परिषद विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी वैधानिक संस्था है जिसमें डीन, अध्यक्ष और जेएनयू के बाहर के प्रख्यात विद्वान शामिल होते हैं। विश्वविद्यालय ने कहा, “ हमारा मकसद प्रक्रिया को व्यापक, समयबद्ध बनाना और चयन को नियम आधारित करना था ताकि विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों एवं विषयों में प्रोफेसर एमेरिटी की नियुक्ति की जा सके।” वर्तमान में जेएनयू में 21 प्रोफेसर एमेरिटी हैं।

Web Title: romila thapar jnu said it is conspiracy against institution

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे