नेपाल से यूपी में घुसपैठ की फिराक में रोहिंग्या और बांग्लादेशी, बढ़ाई गई सतर्कता
By राजेंद्र कुमार | Updated: March 31, 2025 17:25 IST2025-03-31T17:24:46+5:302025-03-31T17:25:49+5:30
ऐसी खुफिया सूचनाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की नेपाल से लगी सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाई गई है. इसके तहत उत्तर प्रदेश में नेपाल से सटे सात जिलों में सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने चौकसी बढ़ाई है.

नेपाल से यूपी में घुसपैठ की फिराक में रोहिंग्या और बांग्लादेशी, बढ़ाई गई सतर्कता
लखनऊ: भारत से से सटे नेपाल में फिर से राजशाही स्थापना को लेकर हो रहे राजनीति प्रदर्शन के चलते एक बार नेपाल इस समय दोराहे पर है. वहां राजावादी और सरकार के बीच रोज कशमकश हो रही है. सरकार ने नेपाल के पूर्व नरेश पर जुर्माना लगाने के साथ ही उनके सुरक्षाकर्मियों की संख्या में कमी कर दी है. ऐसे तमाम राजनीतिक घटनाओं के बीच रोहिंग्या और बांग्लादेशी टूरिस्ट वीजा पर नेपाल पहुंचकर वहां से उत्तर प्रदेश के रास्ते भारत में घुसपैठ करने की कोशिश में हैं.
ऐसी खुफिया सूचनाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की नेपाल से लगी सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाई गई है. इसके तहत उत्तर प्रदेश में नेपाल से सटे सात जिलों में सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने चौकसी बढ़ाई है. नेपाल से सटे यूपी के इन जिलों में पुलिस अधीक्षकों को जिले के भीतर अपने खुफिया तंत्र को अलर्ट करने के निर्देश भी दिए गए हैं. कहा गया है नेपाल से सटे यूपी के जिलों में होटल, धर्मशाला, सराय, मदरसों और अस्पताल में इलाज करने के लिए बाहर से आने वालों पर नजर रखी जाए. एटीएस को भी अलर्ट किया गया.
570 किमी लंबी है यूपी और नेपाल की सीमा :
प्रदेश पुलिस के उच्चाधिकारियों के अनुसार, नेपाल में राजशाही की स्थापना को लेकर हो रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच नेपाल पुलिस की इंटेलिजेंस शाखा ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को नेपाली नागरिकता दिलाने का बड़ा खुलासा बीते माह किया गया था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल से जुड़े नेपाल के पूर्वी हिस्से काकरभिट्टा सीमा से रोहिंग्या और बांग्लादेशी नेपाल में प्रवेश कर रहे हैं.
इन लोगों को नेपाल में सक्रिय इस्लामी संघ वहां की नागरिकता दिलाने के प्रयास में हैं. उस रिपोर्ट में नेपाल में घुसपैठ कर नेपाली नागरिकता लेने वाले तमाम रोहिंग्या और बांग्लादेशी के नामों का भी खुलासा किया गया था. इस रिपोर्ट के आधार पर नेपाल में घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की धरपकड़ शुरू हुई. तो नेपाल में टूरिस्ट वीजा के आधार पर रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी उत्तर प्रदेश के रास्ते भारत में घुसपैठ करने की कोशिश में जुट गए.
इसकी जानकारी नेपाल के अफसरों ने भारत सरकार को दी. इसके बाद उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत, श्रावस्ती, और लखीमपुर खीरी में नेपाल से सटी सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई है. उत्तर प्रदेश और नेपाल की सीमा करीब 570 किलोमीटर लंबी है. इसी सीमा रेखा पर तैनात एसएसबी जवानों की सीमा पर गश्त भी बढ़ाई गई है. और अब नेपाल से भारतीय क्षेत्र में मजदूरी के लिए आने जाने वालों का ब्यौरा दर्ज किया जाने लगा है. ताकि यूपी में घुसपैठ करने वालों को पकड़ा जा सके.
नेपाल में तमाम काम कर रहे बांग्लादेश और रोहिंग्या :
प्रदेश के खुफिया महकमे के अधिकारियों का कहना है कि नेपाल में हो रही राजनीतिक उठापटक के चलते नेपाल के युवा खाड़ी देशों के साथ ही भारत में रोजगार की तलाश में आ रहे हैं. वही दूसरी तरफ बांग्लादेश और रोहिंग्या नेपाल में मकान बनाने, प्लंबर, पेंटिंग, इलेक्ट्रीशियन, नाई और बाइक आदि ठीक करने के कार्य करने के लिए वहां टूरिस्ट वीजा पर आ रहे हैं.
ऐसे बांग्लादेशी और रोहिंग्या के खिलाफ जब नेपाल में सख्ती शुरू हुई तो इनके यूपी में घुसपैठ करने का अंदेशा नेपाल के पुलिस अफसरों को हुआ. इस शंका इसलिए भी हुई क्योंकि नेपाल से सटे यूपी के कई जिलों में विदेशी फंड से चलने वाले कई मदरसे हैं. इनमें तमाम पर शरण लिए हुए लोगों को पुलिस ने पकड़ा है.
नेपाल के अधिकारी यह चाहते हैं कि यूपी में भी नेपाल सीमा से सटे जिलों में सतर्कता बढ़ाई जाये ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में रोहिंग्या के साथ बांग्लादेशी घुसपैठ ना करने पाए और यह लोग नेपाल में अस्थिरता का लाभ ना उठाकर यूपी के रास्ते भारत में घुसपैठ ना कर सके.