पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव 2018 के ऐन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी तीन जगहों पर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के छापे मारने का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वे देश छोड़कर नहीं भागेंगे। वे यही रहेंगे और राजनीति के बजाए कार्पोरेट से ताल्लुक रखेंगे।
रॉबर्ट वाड्रा ने इशारों में मोदी सरकार पर हमला करता हुए कहा, 'मुद्दों को छोड़कर मुझपर राजनीति करने वालों के लिए पांच राज्यों के नतीजों ने संदेश दे दिया है।"
वाड्रा ने कहा, मैं अपने नाम का इस्तेमाल राजनैतिक ब्लैकमेलिंग के लिए नहीं करने दूंगा। हमने हमेशा अपने कार्पोरेट होने की मर्यादा का पालन किया है। मैं किसी और देश में रहने नहीं जा रहा हूं, ना ही यहां से भाग रहा हूं। जैसी भी कार्रवाई होगी वह कानूनी और सच्ची होनी चाहिए। मुझे इससे कोई परहेज नहीं है।
राबर्ट वाड्रा ने खुद पर लगाए गए आरोपों पर कहा, "मुझपर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं और पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित हैं। हमने सभी नोटिस के जवाब दिए हैं। लेकिन मेरा परिवार को इससे तनाव हुआ। मेरी मां स्वस्थ नहीं हैं। मेरी जगहों को बुरी तरह से क्षत-विक्षत किया गया, ताले तोड़ दिए गए।"
कानूनी तौर पर मारते छापा तो मैं साथ देता
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अगर ईडी उनकी जगहों पर छापा मारना चाहती थी तो कानूनी तरीका अपनना चाहिए। मैंने हमेशा सहयोग किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वाड्रा के वकील ने बताया था कि उनसे जुडें करीबी सहयोगियों के तीन स्थानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी। उन्होंने हमारे लोगों को स्काइलाईट हॉस्पिटेलिटी के अंदर बंद कर दिया और वे किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। क्या यह नाजीवाद है? क्या यह जेल है?
आपको बता दें कि पिछले महीने नवंबर के आखिरी में ईडी ने राजस्थान के सीमावर्ती शहर बीकानेर में भूमि घोटाले के सिलसिले में धन शोधन की जांच को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को तलब किया था।
बीकानेर के स्थानीय तहसीलदार ने इलाके में जमीन आवंटन में कथित फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इसके बाद राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज कुछ प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2015 में हुए सौदे के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
समझा जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय इलाके में जमीन खरीदने वाली कंपनी-स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड के संचालन के बारे में वाड्रा से पूछताछ करना चाहती थी। यह कंपनी कथित तौर पर उनसे जुड़ी है। ईडी वाड्रा का सामना उन लोगों से भी कराना चाहती है जिन्होंने इसे उनसे जुड़ा बताया है।
एजेंसी मामले में एक बड़ी स्टील कंपनी की भूमिका की भी जांच कर रही है। संदेह है कि स्टील कंपनी ने उस कंपनी को कर्ज दिया जिसने बहुत महंगी कीमत पर वाड्रा से जुड़ी कंपनियों से जमीनें खरीदी। एजेंसी ने पूर्व में वाड्रा से जुड़े महेश नागर और कुछ अन्य के परिसरों पर छापा मारा था ।
पिछले साल दिसंबर में ईडी ने नागर के करीबी सहयोगी अशोक कुमार तथा एक अन्य व्यक्ति जयप्रकाश भार्गव को गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि नागर का स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ाव है और इस कंपनी के तार वाड्रा से जुड़े हुए हैं।