'रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ सौदा एकदम सही', हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 20, 2023 07:30 PM2023-04-20T19:30:29+5:302023-04-20T19:39:51+5:30
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा पेश करके कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदा कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ है और उसमें किसी भी तरह के कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
चंडीगढ़: हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदा कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ है और उसमें किसी भी तरह के कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। हरियाणा सरकार के आदेश पर गुरुग्राम पुलिस ने पांच साल पहले रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे में कानूनी प्रक्रियाओं के उल्लंघन के आरोप में न केवल रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, केपी सिंह के डीएलएफ बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मा्मला दर्ज किया था।
लेकिन अब पांच साल बाद अब सरकार ने हाईकोर्ट में बाकायदा हलफनामा दायर करके सूचित किया है कि रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा डीएलएफ को भूमि के हस्तांतरण में कोई उल्लंघन नहीं पाया गया है। सरकार की ओर से हलफनामे में कहा गया है, "मानेसर के तहसीलदार द्वारा गुरुग्राम पुलिस को मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार मैसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर, 2019 को मेसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची थी और उक्त लेनदेन में किसी भी नियम या नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।"
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि गुरुग्राम स्थित वजीराबाद के तहसीलदार से भी प्राप्त हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि विचाराधीन भूमि मैसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के नाम पर नहीं मिली है और वह भूमि अभी भी एचएसवीपी/एचएसआईआईडीसी, हरियाणा के नाम पर ही दर्ज है।
हलफनामे में आगे कहा गया है कि 1 सितंबर, 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रॉबर्ट वाड्रा सहित अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था। 22 मार्च को गठित की गई एसआईटी में गुरुग्राम पुलिस के एक पुलिस उपायुक्त, दो सहायक पुलिस आयुक्त, एक निरीक्षक और एक एएसआई शामिल थे।
हरियाणा सरकार की ओर से गुरुग्राम के महानिरीक्षक राज श्री सिंह द्वारा पेश किये गये हलफनामे में कहा गया है कि इस आरोप में अभी तक हरियाणा के सांसदों और विधायकों के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी जांच अभी भी की जा रही है। यह हलफनामा वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की प्रगति की निगरानी के लिए दायर की गई जनहित याचिका के संबंध में हाईकोर्ट के सामने पेश किया गया था।