बिहार में महागठबंधन को झटका, रालोसपा अध्यक्ष कुशवाहा ने तोड़ा नाता, NDA की नैया पर होंगे सवार!
By एस पी सिन्हा | Published: September 24, 2020 07:12 PM2020-09-24T19:12:07+5:302020-09-24T20:00:37+5:30
महागठबंधन में अपनी उपेक्षा से नाराज उपेंद्र कुशवाहा ने आज अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई थी. राज्य भर से रालोसपा के नेता आज पटना में जुटे थे. बैठक को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने समर्थकों को बता दिया कि अब उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है.
पटना: बिहार में महागठबंधन की नैया पर सवार होकर विधानसभा चुनाव लड़ने निकले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को अब राजद से डर लगने लगा है. उन्होंने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है. हालांकि उन्होंने इसका खुले तौर पअर ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन अपनी पार्टी की बैठक में इसकी घोषणा कर दी है. कुशवाहा ने कहा है कि तेजस्वी यादव जैसे लोग नीतीश कुमार को परास्त नहीं कर सकते. राजद भय और भ्रम दोनों का शिकार है. लोगों के बीच राजद को लेकर आज भी वही नाराजगी है, जो 15 साल पहले थी.
दरअसल, महागठबंधन में अपनी उपेक्षा से नाराज उपेंद्र कुशवाहा ने आज अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई थी. राज्य भर से रालोसपा के नेता आज पटना में जुटे थे. बैठक को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने समर्थकों को बता दिया कि अब उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है. कुशवाहा ने आज तेजस्वी यादव पर खुला हमला बोला. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से वो सारे घटनाक्रम बताये जो महागठबंधन में उनके साथ हुए. उन्होंने कहा कि राजद ने जिस नेतृत्व को खडा किया है उसके पीछे रह कर बिहार में सत्ता परिवर्तन नहीं होने जा रहा है.
आज भी सीट का मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है. जो साथी हमारे चुनाव लड नहीं पायेंगे, हम उन्हें समझा लेते क्योंकि एक-दो साथी का सवाल नहीं है. बिहार का सवाल है. सीट की संख्या का कोई मामला नहीं था. इतनी बात जरूर थी कि बिहार की जनता चाहती है कि नेतृत्व ऐसा हो जो नीतीश कुमार के सामने ठीक से खडा हो सके. तब बिहार की जनता उसे पसंद करती. राजद ऐसा नहीं कर पाया. कुशवाहा ने कहा कि आज लोग भले ही जो सोंचे-समझे लेकिन उनके मन में आज भी ये बात है कि अगर राजद यह तय करे कि हम अपना नेतृत्व बदल देंगे तो उपेंद्र कुशवाहा आज भी अपने लोगों को समझा लेगा. लेकिन अब शर्त यही है कि राष्ट्रीय जनता दल अपना नेतृत्व बदले.
तेजस्वी यादव को हटाकर दूसरा नेतृत्व लाये.इसतरह से यह स्पष्ट हो गया है कि उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे तौर पर महागठबंधन छोडने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने तेजस्वी यादव को बेहद कमजोर नेता करार दिया है. उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि अगर राजद नेतृत्व बदले तो वे महागठबंधन में रहेंगे. ऐसे में कोई सवाल नहीं उठता कि राजद से उनका गठबंधन हो पायेगा. वैसे पहले से ही चर्चा थी कि उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए नेताओं से बात चल रही है. उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी की बैठक में इसकी एक तरह से पुष्टि कर दी.
अब उनका एनडीए में शामिल होने की घोषणा करना औपचारिकता भर रह गया है. इसबीच रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ उनकी पार्टी की कोई दुश्मनी नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि रालोसपा के साथ भाजपा की भी कोई दुश्मनी नहीं है. रालोसपा की बैठक से यही बातें निकल कर सामने आ रही है कि बिहार के लोग आज भी राजद के साथ जाने से हिचकते हैं.
वहीं, रालोसपा के अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने कहा कि बिहार में अभी बहुत खेल होना बाकी है. मैं नहीं जानता क्या होगा? किसकी सरकार बनेगी? लेकिन सरकार उसी की बनेगी, जहां रालोसपा रहेगी. किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए. पार्टी के नेताओं की राय है कि महागठबंधन में कुछ बचा नहीं है. महागठबंधन का मुंह देखते हुए बिहार की जनता को भुगतने नहीं दे सकते. उपेंद्र कुशवाहा को ताकत देनी है ताकि वे फैसला ले सकें.
After discussing the situation of Mahagathbandhan, the party has authorised me to take a decision. I will take a decision keeping in mind the interests of people of Bihar: RLSP chief Upendra Kushwaha on ties of the party with Mahagathbandhan https://t.co/qtIz497K54
— ANI (@ANI) September 24, 2020