सिंगापुर से बिहार लौट रहे राजद प्रमुख लालू यादव, नीतीश कुमार लगाए जा सकते हैं किनारे!, तेजस्वी यादव की ताजपोशी जल्द
By एस पी सिन्हा | Published: February 7, 2023 04:10 PM2023-02-07T16:10:04+5:302023-02-07T16:11:42+5:30
बिहारः राजद प्रमुख लालू यादव के पटना आने के बाद जल्द ही तेजस्वी यादव की ताजपोशी भी हो जा सकती है।

नीतीश,तेजस्वी के साथ जदयू और राजद इस तरह की किसी डील से इंकार करती है। (file photo)
पटनाः बिहार में जारी सियासी सरगर्मी के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव किडनी के सफल ऑपरेशन के बाद वापस लौट रहें हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उनके लौटने के बाद सूबे की सियासत में बड़े बदलाव हो सकतें हैं। लालू यादव के दिल्ली आने के बाद पटना लौटने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
लालू यादव के आने की खबरों के बीच सूबे की सियासत में और हलचल तेज हो गई है। समझा जा रहा है कि लालू यादव के पटना आने के बाद जल्द ही तेजस्वी यादव की ताजपोशी भी हो जा सकती है। शायद यही कारण है कि उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा राजद के साथ हुई डील के बारे में सवाल उठाया जा रहा है।
उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा लगातार उस डील के खुलासे की मांग की जा रही है, जो महागठबंधन की सरकार बनने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुआ था। हलांकि नीतीश,तेजस्वी के साथ जदयू और राजद इस तरह की किसी डील से इंकार करती है।
लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपकर नीतीश कुमार के केन्द्रीय राजनीति में सक्रिय होने की डील की गई थी। इसको लेकर नीतीश कुमार ने कई बार सार्वजनिक मंच से संकेत दे चुके हैं। नीतीश कुमार बार-बार यह कहते रहे हैं कि उन्होंने बिहार की काफी सेवा की है और अब आगे तेजस्वी को ही करना है।
पर जदयू के राष्ट्रीय अधिवेशन में 2025 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व करने की नीतीश की घोषणा के बाद से जदयू में अंदर ही अंदर घमासन मचा हुआ है। हालांकि अभी कोई भी नेता सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोल रहें हैं। इसबीच राजद के नेता 2025 तक इंतजार करने के मूड में नहीं हैं।
यही वजह है कि जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह के साथ ही प्रोफेसर चंद्रशेखर एवं अन्य नेताओं के द्वारा तरह-तरह का बयान देकर माहौल को गर्मा दिया जा रहा है। इन बयानों पर नीतीश कुमार और जदयू भले ही अक्रामक नही हो पा रही है, लेकिन उन्हें असहज जरूर कर दे रही है।
इसलिए कहा जा रहा है कि लालू यादव के पटना लौटने के बाद बिहार की राजनीति में कुछ बदलाव दिख सकता है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है। बिहार पर भाजपा ने फोकस करना शुरू कर दिया है। जबकि विपक्षी एकता को मजबूत करने को लेकर नीतीश का बयान अभी सिर्फ बयानों में ही दिख रहा है।
इधर, बगावती तेवर अपनाये उपेन्द्र कुशवाहा के बारे में यह माना जा रहा है कि फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के पहले वह(उपेन्द्र कुशवाहा) कुछ ठोस कदम उठा सकतें हैं क्योंकि अब उनका जदयू के साथ रहना असंभव सा लग रहा है। उपेन्द्र कुशवाहा कभी भी जदयू का दामन छोड़ सकतें हैं।