बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं, जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जाति जनगणना खोला मोर्चा

By एस पी सिन्हा | Published: August 11, 2021 07:59 PM2021-08-11T19:59:53+5:302021-08-11T20:01:10+5:30

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछडे़-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते हैं.

RJD chief Lalu Prasad Yadav caste census majority population we put a pickle on the animal count figures | बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं, जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जाति जनगणना खोला मोर्चा

लालू के बेटे तेजस्वी यादव के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर चुके हैं.

Highlightsपिछड़ा/अतिपिछड़ा विरोधी मोदी सरकार देश की पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों की गणना कराने से क्यों डर रही है? कैसे चंद मुट्ठी भर लोग युगों से सत्ता प्रतिष्ठानों एवं देश के संस्थानों व संसाधनों पर कुंडली मार बैठे है?तीनों ट्वीट के बाद से सूबे की सियासत एक बार फिर तेज हो गई है.

पटनाः बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा अब धीरे-धीरे आक्रामक रूप लेता जा रहा है. इसको लेकर सूबे की सियासत में तनातनी बढ़ने लगी है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने देश में जातीय जनगणना नहीं होने पर गणना का ही बहिष्कार करने की धमकी दी है.

लालू यादव ने कई ट्वीट किए. अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते है. जनगणना के जिन आँकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?

जातीय जनगणना के मुद्दे पर लालू यादव, तेजस्वी यादव और राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ताबड़तोड़ ट्वीट किये गए हैं. ताबड़तोड़ ट्वीट कर इसका साफ संकेत दे दिया गया है कि राजद एक बार फिर से मंडल की राजनीति पर खुल कर चलने का इरादा कर लिया है. 

इसमें राजद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा गया है. ट्विटर अकाउंट से संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम लेते हुए कहा गया है कि एक बार आरक्षण पर बोल कर क्‍या हश्र हुआ, सभी देख चुके हैं. राजद ने कहा है कि आरएसएस की चालाकियां सभी जानते हैं.

सब कुछ बेच कर आरक्षण को बैक डोर से खत्‍म करने की साजिश कामयाब नहीं होने दी जाएगी. ट्वीट में आगे लिखा गया है कि मुट्ठीभर चितपावन ब्राह्मणों के जातिवादी संगठन की इतनी औकात भी नहीं कि देश के 85 फीसदी एससी/एसटी/ओबीसी के आरक्षण को रोक दें. भागवत ने एक बार बोला था, क्या हश्र हुआ था, पता है ना?

तुम सोचते हो कि आरक्षण को बैकडोर से खत्म कर देंगे. नहीं होने देंगे. उल्लेखनीय है कि राजद की यह तल्‍ख टिप्‍पणी आरएसएस के महासचिव दत्‍तात्रेय होसबोले के उस बयान के बाद सामने आई है, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि आरएसएस आरक्षण की व्‍यवस्‍था का मजबूती से समर्थन करेगा.

वहीं, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछडे़-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते हैं. जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?

इधर तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि पिछड़ा/अतिपिछड़ा विरोधी मोदी सरकार देश की पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों की गणना कराने से क्यों डर रही है? क्या इसलिए कि हजारों पिछड़ी जातियों की जनगणना से यह ज्ञात हो जाएगा कि कैसे चंद मुट्ठी भर लोग युगों से सत्ता प्रतिष्ठानों एवं देश के संस्थानों व संसाधनों पर कुंडली मार बैठे है?

ऐसे में इन तीनों ट्वीट के बाद से सूबे की सियासत एक बार फिर तेज हो गई है. लालू के बेटे तेजस्वी यादव के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर चुके हैं. इधर, केवल बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी इसकी मांग तेज हुई है. समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है. 

Web Title: RJD chief Lalu Prasad Yadav caste census majority population we put a pickle on the animal count figures

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