चारा घोटालाः राजद प्रमुख लालू यादव मुसीबत में, सप्ताह में दो दिन सुनवाई, 139.35 करोड़ का मामला...
By एस पी सिन्हा | Published: February 10, 2021 04:43 PM2021-02-10T16:43:43+5:302021-02-10T16:45:50+5:30
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये के अवैध निकासी मामले आरसी 47/96 में 10 माह बाद सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है.
रांचीः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले के एक अन्य बडे़ मामले में मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.
चारा घोटाला मामले के कई अन्य मामलों लालू प्रसाद यादव पहले से ही सजा काट रहे हैं और जेल में हैं. वहीं चारा घोटाले के सबसे बडे़ मामले आरसी 47ए/96 की सुनवाई सपाताह में दो दिन होगी. इसकी सुनवाई अब से हफ्ते के मंगलवार और शुक्रवार को होगी. लगभग 10 महीने बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि के अदातल में हुई.
सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने अपने पक्ष में गवाह प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की, जिसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. मिली जानकारी के अनुसार अगर बचाव पक्ष गवाह प्रस्तुत नहीं कर सका तो मामले में बहस शुरू हो जाएगी. बहस के बीच अगर कोई आरोपित अपने बचाव में गवाह प्रस्तुत करना चाहे तो आवेदन देकर गवाह उतार सकेंगे.
बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुडे़ मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 110 आरोपित ट्रायल फेस कर रहे हैं. सीबीआई ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपित बनाया था. लालू समेत 147 आरोपितों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपितों का निधन हो चुका है.
139 करोड़ 35 लाख रुपये निकालने का आरोप
इसमें डोरंडा कोषागार से अवैध तरीके से 139 करोड़ 35 लाख रुपये निकालने का आरोप है. वहीं इस मामले में पहले भी सुनवाई हुई थी, जिसके बाद गवाह पेश करने के लिए वक़्त मांगा गया था. दरअसल, लालू प्रसाद यादव के डोरंडा मामले की सुनवाई लॉकडाउन में पूरी तरह से बंद थी. लेकिन अब इस मामले की सुनवाई शुरू हो रही है.
चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव पर यह केस करीब 25 वर्षों से चल रह है. इस संबंध में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में ट्रायल फेस कर रहा आपूर्तिकर्ता श्याम नंदन सिंह अपने पक्ष में गवाह प्रस्तुत करेगा. अगर वह अपने गवाह प्रस्तुत नहीं कर पाया तो मामले में बहस शुरू हो जायेगी.
अमित खरे वर्ष 1996 में 28 जनवरी को उजागर किया था
वहीं इस बीच अगर कोई आरोपित गवाह पेश करना चाहें तो वो आवेदन देकर अपने गवाह उतार सकेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले का मामला तब प्रकाश में आया था, जब पश्चिमी सिंहभूम जिले (चाईबासा) के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे वर्ष 1996 में 28 जनवरी को उजागर किया था. तब बिहार पुलिस ने इस मामले पर जांच आगे बढ़ाई थी.
लेकिन मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग जब हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो इसके तार लालू समेत और दूसरे कई लोगों से जुडे़. सीबीआई ने इस केस के जांच शुरू की जो कि अब पिछेले 25 वर्षों से चला आ रहा है.यहां बता दें कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया है.
वहीं तेजस्वी यादव भी फिलहाल दिल्ली में ही मौजूद हैं. इसके साथ ही तेजप्रताप यादव ने लालू प्रसाद यादव को बेल दिलवाने की कवायद शुरू कर दिया है. राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उन्हें रिहा किये जाने की मांग की जा रही है.