नई दिल्ली, 13 सितंबर: दुनिया भर में आत्महत्या करने वाली हर दस महिलाओं में से लगभग चार भारत से हैं। इस बात का खुलासा एक रिसर्च पेपर में हुआ है। शोधकर्ताओं ने ये तथ्य 1990 से 2016 के बीच आत्महत्या के आंकड़ों पर निकाले हैं। 'जेंडर डिफरेंसियल एंड स्टेट वेरिएशन इन सुसाइड डेथ इन इंडिया: द ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज स्टडी 1990-2016' रिसर्च पेपर को द लांसेट पब्लिक हेल्थ ने बुधवार (12 सितंबर) को प्रकाशित किया है।
स्टडी के मुताबिक 71.2% आत्महत्या भारत में 15-39 साल की महिलाओं ने किया। हालांकि 1990 से 2016 के बीच, भारत में महिलाओं के बीच आत्महत्या का दर लगभग 27 प्रतिशत कम हो गई है।
1990 से 2016 के बीच ग्लोबल सुसाइड के आंकड़ों में भारत का योगदान 25.3 प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 36.6 प्रतिशत हो गया था। लेकिन साथ ही, भारत में महिलाओं के बीच आयु-मानकीकृत आत्महत्या मृत्यु दर (एसडीआर) साल 1990 से 2016 के बीच में घटी है। 1990 में जहां ये दर 1 लाख पर 20 हुआ करती थी। वो साल 2016 में एक लाख पर 14.7 हो गई।
स्टडी में ये भी सामने आया है कि अधिक आत्महत्या दर में पांच में से चार राज्य दक्षिण भारत के हैं। यानी जितने संपन्न राज्य है, वहां पुरुष और महिला दोनों में आत्महत्या का दर गरीब राज्यों से ज्यादा है। कर्नाटक में जहां प्रति लाख 30.7 लोग आत्महत्या करते हैं, वहीं तमिलनाडु में प्रति लाख 29.8 और आंध्र प्रदेश में प्रति लाख 25 की दर है। कम आत्महत्या दर वाली राज्यों में जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, दिल्ली, पंजाब, झारखंड और बिहार हैं। इनमें बिहार में सबसे कम आत्महत्या दर है।
स्टडी में बताया गया है कि 1990 में भारत में कुल 1,64,404 लोगों ने आत्महत्याएं की थीं, जो कि वर्ष 2016 में 40 फीसदी बढ़कर 2,30,314 हो गईं। यह उक्त वर्ष दुनियाभर में हुईं कुल आत्महत्याओं 8,17,147 का 28.2 फीसदी है। इसमें महिलाओं की आत्महत्या की संख्या 94,380 रही, जो दुनिया में कुल महिलाओं की आत्महत्या 2,57,624 का 36.6 फीसदी रही। वहीं, पुरुषों द्वारा की गई आत्महत्याओं की संख्या 1,35,934 रही, जो दुनिया में कुल पुरुषों द्वारा की गई आत्महत्या 5,59,523 का 24.3 फीसदी है।