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Republic Day 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ पर पहुंची बग्घी से, जानिए इस परंपरा के बारे में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 26, 2024 11:26 IST

26 जनवरी की परेड के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विदेशी मेहमान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ विशिष्ठ बग्धी में बैठकर सलामी मंच समारोह तक पहुंची गई हैं।

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ठळक मुद्दे26 जनवरी की परेड के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बग्घी से पहुंची कर्तव्य पथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ इस साल के विशिष्ठ अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भी साथ थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलामी मंच के पास राष्ट्रपति मुर्मू का भव्य स्वागत किया

नई दिल्ली: आज पूरा भारत गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है। 26 जनवरी 2024 की सुबह कर्तव्य पथ पर शुरू हुए भव्य गणतंत्र दिवस परेड से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन साथ बग्घी में सलामी मंच तक पहुंची।

कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेशी मेहमान इमैनुएल मैक्रॉन का स्वागत स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।

गणतंत्र दिवस पर हर साल राष्ट्रपति भवन से कर्तव्य पथ के सलामी मंच तक आने के लिए महामहिम राष्ट्रपति द्वारा बग्घी का प्रयोग किया जाता है औऱ यह परंपरा बहुत पुराने समय से निभाई जा रही है। वैसे तो राष्ट्रपति का अधिकतर आधिकारिक यात्रा लिमोजिन कार से होती है।

लेकिन चूंकि राष्ट्रपति को देश के पहले पुरुष या महिला की संज्ञा दी जाती है और वो तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर होती हैं। इसलिए विभिन्न अवसरों पर उनके लिए विशिष्ठ तरह की सवारियों का प्रयोग किया जाता है।

हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रपति द्वारा बग्‍घी की यात्रा को बंद कर दिया गया था। लेकिन दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फिर से बग्‍घी की सवारी शुरू की थी।

वहीं मौजूदा राष्ट्रपति से पहले देश के सर्वोच्च सैन्य कमांडर रहे रामनाथ कोविंद की बात करें तो उनके समय में बग्घी का प्रयोग फिर से बंद कर दिया गया। महामहिम की सवारी के तौर पर बग्‍घी का जिक्र ऐतिहासिक इसलिए माना जाता है कि क्योंकि देश के पहले राष्ट्रपति डाॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को आयोजित की गई भारतीय गणतंत्र की पहली परेड का निरीक्षण करने के लिए सलामी मंच तक आने के लिए बग्घी का प्रयोग किया था।

वैसे अगर मौजूदा समय की बात करें तो विशेष अवसर राष्ट्रपति की विदाई, उनके आगमन, गणतंत्र दिवस, बीटिंग द रिट्रीट और संसद सत्र जैसे विषिष्ठ अवसरों पर बग्घी का प्रयोग किया जाता है।

75वें गणतंत्र दिवस की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिससे 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की आधिकारिक शुरुआत हुई।

शहीद नायकों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि देने में देश का नेतृत्व करने के बाद, पीएम मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर जाएंगे।

उससे पहले भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रॉन के आगमन की सुरक्षा राष्ट्रपति के अंगरक्षक - 'राष्ट्रपति के अंगरक्षक' ने की। राष्ट्रपति का अंगरक्षक भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट है। यह गणतंत्र दिवस इस विशिष्ट रेजिमेंट के लिए विशेष है क्योंकि 'अंरक्षक' ने 1773 में अपनी स्थापना के बाद से सेवा के 250 वर्ष पूरे कर लिए हैं।

टॅग्स :गणतंत्र दिवसद्रौपदी मुर्मू
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