कृषि कानूनों को रद्द करें, आगे की राह के लिए किसानों से बात करें: अमरिंदर ने केंद्र से कहा

By भाषा | Updated: September 17, 2021 17:06 IST2021-09-17T17:06:00+5:302021-09-17T17:06:00+5:30

repeal agriculture laws, talk to farmers for way forward: amarinder to center | कृषि कानूनों को रद्द करें, आगे की राह के लिए किसानों से बात करें: अमरिंदर ने केंद्र से कहा

कृषि कानूनों को रद्द करें, आगे की राह के लिए किसानों से बात करें: अमरिंदर ने केंद्र से कहा

चंडीगढ़, 17 सितंबर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को तत्काल रद्द किए जाने की शुक्रवार को मांग की और आगे की राह तलाशने के लिए किसानों के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किए जाने की अपील की।

सिंह ने कहा कि एक साल पहले संसद द्वारा पारित किए गए इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों में कई किसानों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र को किसानों और देश के हितों में कानून को वापस ले लेना चाहिए।

सिंह ने लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) द्वारा आयोजित तीसरे राज्य स्तरीय डिजिटल किसान मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार अपनी भूल का एहसास करे और किसानों एवं देश के हित में कानूनों को वापस ले।’’

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘किसान नहीं, तो भोजन नहीं’ का बिल्ला लगा रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक भारत के संविधान में 127 बार संशोधन किया जा चुका है, तो किसान कानूनों को रद्द करने और इसके कारण पैदा हुई समस्या को सुलझाने के लिए इसमें फिर से संशोधन क्यों नहीं किया जा सकता?’’

उन्होंने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार से सवाल किया, ‘‘128वीं बार ऐसा करने में समस्या क्या है?’’ सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ‘‘किसानों को बर्बाद’’ कर रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों ने भारत के विकास में बहुत योगदान दिया है, लेकिन उनके साथ आज जो कुछ भी हो रहा है, वह ‘‘अत्यंत दुखदायी’’ है।

एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि दो दिवसीय किसान मेला पराली जलाए जाने को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की कोशिशों की तर्ज पर ‘‘करी पराली की संभाल, धरती मां होवे खुशहाल’’ (पराली को संभालने से धरती खुशहाल होगी) की विषय वस्तु पर केंद्रित है।

सिंह ने कहा कि केंद्र ने पिछले साल नवंबर में पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था, क्योंकि प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वह ‘‘कठोर कानूनों’’ के खिलाफ लड़ाई में किसानों के साथ खड़े हैं और उनकी सरकार मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दे रही है।

मुख्यमंत्री ने देश के विकास में पंजाब और उसके किसानों के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 1.53 प्रतिशत है, लेकिन वह देश का 18 फीसदी गेहूं, 11 फीसदी धान, 4.4 फीसदी कपास की पैदावार और 10 फीसदी दूध का उत्पादन करता है।

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Web Title: repeal agriculture laws, talk to farmers for way forward: amarinder to center

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