बिहार भाजपा में बनी भगदड़ की स्थिती, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक सहित करीब 100 से अधिक लोगों ने छोड़ा पार्टी का साथ
By एस पी सिन्हा | Published: April 5, 2019 04:44 PM2019-04-05T16:44:35+5:302019-04-05T16:44:35+5:30
पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ने कहा कि अगला कदम साथियों से बातचीत कर उठाऊंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुशवाहा समाज की उपेक्षा की है. इसके अलावा बड़े नेताओं से मुलाकात नहीं हो पाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऊपर-ऊपर ही टिकट बांट दिया जाता है.
बिहार में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में भी भगदड़ की स्थिती उत्पन्न हो गई है. भाजपा की नेत्री पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा, पूर्व विधायक पूनम देवी, मधेपुरा से 2014 के भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार कुशवाहा समेत 100 से अधिक लोगों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी लोगों का आरोप है कि भाजपा ने कुशवाहा समाज की उपेक्षा की है.
पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ने कहा कि अगला कदम साथियों से बातचीत कर उठाऊंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुशवाहा समाज की उपेक्षा की है. इसके अलावा बड़े नेताओं से मुलाकात नहीं हो पाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऊपर-ऊपर ही टिकट बांट दिया जाता है.
समाज के लोग जब लोकसभा में नही जाएंगे तो समाज की बात कौन उठाएगा? दल में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है. पूनम ने कहा कि नीतीश कुमार ने भाजपा को भारत जलाओ पार्टी बोला था, आज उसी के साथ हैं. भाजपा सरकार समाज को बांटने में लगी है. साथ ही रेणु कुशवाहा ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की आंतरिक आत्मा समाप्त हो गई है.
यहां बता दें कि रेणु कुशवाहा 2014 में नीतीश कैबिनेट के उद्योग मंत्री रहते अचानक इस्तीफा दे दिया था. हालांकि जब उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की थी, लेकिन वह नहीं मानी और जदयू छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं.
दरअसल, भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में रेणु कुशवाहा के पति को मधेपुरा से उम्मीदवार बनाया था. लिहाजा उन्होंने मंत्री पद छोड़कर अपने पति के प्रचार में जुट गईं थीं. रेणु कुशवाहा खगडिया से सांसद भी रह चुकी हैं.
वह काफी समय तक नीतीश सरकार में मंत्री भी रहीं. इस बार भी वह खगडिया से चुनाव लडना चाहती थीं. लेकिन उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला. वहीं, उनके पति विजय कुमार कुशवाहा का भी मधेपुरा से टिकट काट दिया गया. उनके पति विजय कुमार कुशवाहा ने कहा की भाजपा में करोडों रूपये लेकर टिकट को बेचने का काम किया गया है.