महाराष्ट्र में सोमवार से धार्मिक स्थल फिर खोल दिए जाएंगे: उद्धव ठाकरे
By भाषा | Published: November 14, 2020 09:56 PM2020-11-14T21:56:31+5:302020-11-14T21:56:31+5:30
मुंबई, 14 नवंबर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि सोमवार को दिवाली 'पड़वा' से सभी धार्मिक स्थल को खोल दिया जाएगा जो कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण मार्च से बंद हैं।
राज्य सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसपीओ) के तहत, निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दी जाएगी और इन स्थलों को खोलने के समय के बारे में अधिकारी निर्णय करेंगे। साथ में धार्मिक स्थल में चरणबद्ध तरीके से लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी।
दीपावली की लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ठाकरे ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस रूपी दैत्य आज भी हमारे बीच है। यद्यपि यह दानव अब धीरे-धीरे खामोश हो रहा है, लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते। लोगों को अनुशासन का पालन करने की जरूरत है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लोगों ने होली, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और अन्य त्यौहारों में अनुशासन एवं संयम दिखाया। इसी तरह लोगों ने ईद, माउंट मेरी जैसे कई त्यौहार भी कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का ध्यान रखकर मनाया।’’
विपक्षी भाजपा राज्य में धार्मिक स्थलों को बंद रखने पर लगातार ठाकरे पर निशाना साध रही थी। जून से अनलॉक शुरू हो गया था।
बहरहाल ठाकरे ने अपने फैसले के पक्ष में कहा था कि धार्मिक स्थलों पर एक-दूसरे से दूरी बनाने के नियम का पालन करने में परेशानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थलों को महामारी के दौरान बंद रखना पड़ा। मगर ईश्वर डॉक्टर, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रूप में सभी श्रद्घालुओं का ध्यान रख रहे थे।
उन्होंने कहा कि सोमवार को पड़ रही दिवाली पड़वा से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के बाद से, महामारी से बचाव के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।
ठाकरे ने कहा, ‘‘भीड़ से बचना होगा। धार्मिक स्थलों को खोलना कोई शासनादेश नहीं है, बल्कि यह ईश्वर की इच्छा है। जूते-चप्पल धार्मिक स्थल परिसर से बाहर रखे जाएंगे और मास्क लगाना अनिवार्य होगा।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर हम अनुशासन का पालन करते हैं तो हमें ईश्वर का आशीर्वाद मिलेगा।’’
एसपीओ के मुताबिक, केवल ऐसे लोगों को धार्मिक स्थलों में प्रवेश की अनुमति होगी जिनमें बीमारी का कोई लक्षण नहीं होगा और लोगों के लिए मास्क लगाना जरूरी होगा।
इसके मुताबिक, धार्मिक स्थल में एक वक्त में कितने लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, इस बात का फैसला स्थल के आकार और वेंटिलेशन के मुताबिक लिया जाएगा।
एसपीओ के मुताबिक, लोगों को एक-दूसरे से दूरी बना के रखनी होगी। वहीं स्थलों के प्रबंधनों को लोगों की थर्मल स्कैंनिग करनी होगी एवं हाथ धोने की व्यवस्था करनी होगी या सैनेटाइजर मुहैया कराना होगा।
इसमें कहा गया है कि मूर्ति व पवित्र किताबों को छूने की इजाजत नहीं होगी। वहीं बड़ी सभा पर रोक जारी रहेगी।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, लोग प्रार्थना के लिए घर से अपनी चटाई या कपड़ा लेकर जाएं और उसे वापस अपने साथ ले जाएं।
व्यक्तिगत रूप से प्रसाद देना और पवित्र जल का छिड़काव करने की भी मनाही है।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, धार्मिक स्थलों के फर्श को दिन में कई बार साफ किया जाए और सामुदायिक रसोई एवं लंगरों में एक-दूसरे से दूरी का पालन हो।
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