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घर खरीदारों के लिए राहत की खबर, मकान निवेश में अब 30 सितम्बर तक टैक्स छूट, ऐसे उठाए फायदा

By वैशाली कुमारी | Updated: June 26, 2021 13:10 IST

निवेश करने की समय सीमा को 30 जून, 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है। इससे 1 अप्रैल या उसके बाद घर खरीदने वाले लोग टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।

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ठळक मुद्देक्लेम की अंतिम तिथि को अब बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है केंद्रीय बजट 2019 ने धारा 54 के तहत पूंजीगत लाभ छूट की सीमा बढ़ा दी थी

देश में कोविड-19 को देखते हुए केंद्र सरकार ने आवासीय घर में किए गए निवेश पर टैक्स कटौती के लिए किए जाने वाले क्लेम की समय सीमा बढ़ा दी है। सरकार ने यह फैसला करदाताओं को होने वाली समस्या को देखते हुए लिया है। 

निवेश करने की समय सीमा को 30 जून, 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है। इससे 1 अप्रैल या उसके बाद घर खरीदने वाले लोग टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। इस बात की जानकारी वित्त मंत्रालय के एक बयान से हुई है। टैक्स कटौती के लिए आवासीय घर में यह निवेश करने की समय सीमा 30 जून, 2021 की पूर्व समय सीमा से 3 महीने से अधिक बढ़ा दी गई है।

वित्त मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि करदाताओं द्वारा किए जाने वाले क्लेम जैसे- निवेश, जमा, भुगतान, अधिग्रहण, खरीद, निर्माण या इस तरह की अन्य चीजों के लिए जो धारा 54 से 54 जीबी के तहत आती हैं, इनमें टैक्स कटौती में छूट दी जाती है। इसमें क्लेम की अंतिम तिथि को अब बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है।

आयकर अधिनियम 1962 की धारा 54 और धारा 54जीबी के तहत अगर आप आवासीय संपत्ति की खरीद या निर्माण के लिए इसे फिर से निवेश करते हैं, तो आप आवासीय संपत्ति को बेचने पर पूंजीगत लाभ से टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 54GB के तहत, अगर आप पात्र कंपनी के इक्विटी शेयरों की मेंबरशिप के लिए राशि का निवेश करते हैं, तो आवासीय संपत्ति के हस्तांतरण से उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ से छूट प्रदान की जाती है।

बता दे कि केंद्रीय बजट 2019 ने धारा 54 के तहत पूंजीगत लाभ छूट की सीमा बढ़ा दी थी। इसके तहत अब दो आवासीय घरों की खरीद या निर्माण की अनुमति मिलती है।हालांकि टैक्स में छूट तभी मिलेगा जब संपत्ति की कीमत 2 करोड़ रुपये से कम होगी। एक करदाता केवल एक बार ही इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकता है। इस संशोधन से पहले सिर्फ एक खरीद या निर्माण की अनुमति थी।

सराकर की  'विवाद से विश्वास योजना' के तहत बिना ब्याज के भुगतान की समय सीमा को भी बढ़ाया गया है। इसे 30 जून से बढ़ाकर 31 अगस्त, 2021 तक कर दिया गया है।

टॅग्स :कर बजटनिर्मला सीतारमण
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