महाराष्ट्र के 20 जिलों में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण में कटौती, विपक्ष ने की अध्यादेश वापस लेने की मांग

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 3, 2019 07:54 AM2019-08-03T07:54:15+5:302019-08-03T07:54:15+5:30

राज्य सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक आरक्षण में कटौती कर दी है. सरकार ने दलील दी है कि ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार किया गया.

Reduction of OBC's political reservation in 20 districts of Maharashtra | महाराष्ट्र के 20 जिलों में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण में कटौती, विपक्ष ने की अध्यादेश वापस लेने की मांग

महाराष्ट्र के 20 जिलों में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण में कटौती, विपक्ष ने की अध्यादेश वापस लेने की मांग

Highlightsअध्यादेश की वजह से 20 जिलों में ओबीसी का आरक्षण कम हो जाएगा. 31 जुलाई को सरकार ने इस बारे में अध्यादेश जारी किया है.

राज्य सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक आरक्षण में कटौती कर दी है. सरकार ने दलील दी है कि ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार किया गया. इसमें कहा गया है कि स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए. अध्यादेश की वजह से 20 जिलों में ओबीसी का आरक्षण कम हो जाएगा. विपक्ष के नेताओं ने इस विवादित निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है.

बता दें कि गत 31 जुलाई को सरकार ने इस बारे में अध्यादेश जारी किया है. राज्य में जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्रामपंचायतों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर राजनीतिक आरक्षण दिया जाता है, लेकिन 33 जिलों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था. इस निर्णय से ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण में कटौती हो गई है.

सुको ने दिया था आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई 2010 को आदेश दिया था कि अनुसूचित क्षेत्र को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसके चलते कुछ जिलों में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण लागू होने की शिकायतें दर्ज की गई थीं. इस सिलसिले में अदालतों में याचिकाएं भी दाखिल की गई थीं. इस कारण राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप आरक्षण देने के लिए महाराष्ट्र ग्रामपंचायत और महाराष्ट्र जिला परिषद एवं पंचायत समिति अधिनियम 1961 में संशोधन करने का निर्णय किया था.

विपक्षी नेताओं ने की निंदा विधानमंडल के वर्षाकालीन अधिवेशन के दौरान विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया था, लेकिन वो मंजूर नहीं हो सका. अंतत: सरकार के ग्रामविकास विभाग ने राज्यपाल की स्वीकृति के बाद 31 जुलाई को अध्यादेश जारी किया. विपक्ष के नेताओं छगन भुजबल, अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

Web Title: Reduction of OBC's political reservation in 20 districts of Maharashtra

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