नदी के बहाव में कमी राहत की बात,घबराने की कोई बात नहीं है: मुख्यमंत्री

By भाषा | Updated: February 7, 2021 17:59 IST2021-02-07T17:59:31+5:302021-02-07T17:59:31+5:30

Reduction in river flow is a matter of relief, there is no reason to panic: Chief Minister | नदी के बहाव में कमी राहत की बात,घबराने की कोई बात नहीं है: मुख्यमंत्री

नदी के बहाव में कमी राहत की बात,घबराने की कोई बात नहीं है: मुख्यमंत्री

देहरादून, सात फरवरी उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।

रावत ने ट्वीट किया, ‘‘कर्णप्रयाग में आज 3 बजकर 10 मिनट पर नदी में पानी के बहाव की स्थिति से साफ़ है कि बाढ़ की आशंका बहुत ही कम है। हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फँसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं। किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं।’’

उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘मेडिकल टीमों को प्रभावित स्थल पर भेज दिया गया है। इस आपात स्थिति से निपटने के लिए जोशीमठ में 30 बेड का अस्पताल तैयार रखा गया है। श्रीनगर, ऋषिकेश, जॉलीग्रांट और देहरादून के अस्पताल तैयार हैं। इस आपदा से निपटने के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, भारतीय सेना की टीमें और आईटीबीपी के 250 जवान बचाव कार्य में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। सेना ने अपने तीन हेलिकॉप्टरों को बचाव कार्य में लगाया है। सेना और आईटीबीपी के अलावा, स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ भी घटना स्थल पर मौजूद हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना और आईटीबीपी के 600 जवानों को तैयार रखा गया है। सभी बचाव दल लापता श्रमिकों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपदा से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए हमें केंद्र सरकार से हरसंभव मदद मिल रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और पूरी मदद का वादा किया है। गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने आपातकालीन एनडीआरएफ टीमों को प्रभावित स्थल पर भेजा है।’’

राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई और पारिस्थितिकीय रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक प्रवक्ता ने तपोवन-रेनी में एक विद्युत परियोजना प्रभारी को उद्धृत करते हुए कहा कि परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका है। उन्होंने बताया कि तीन शव बरामद किये गए हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा कि बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।

पहाड़ों के किनारे पानी के तेज बहाव की चपेट में आने से रास्ते में आने वाले घर भी बह गए। अधिक आबादी वाले क्षेत्रों सहित नीचे की ओर स्थित मानव बस्तियों में नुकसान होने की आशंका है। कई गांवों को खाली कराया गया है और लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री रावत ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘मैंने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और स्थिति का सीधे तौर पर जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गया हूं। सरकार के सभी स्तरों पर चमोली जिला प्रशासन की मदद की जा रही है। घबराने की कोई बात नहीं है। मैं सभी से अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील करता हूं।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘वर्तमान में कोई अतिरिक्त जल प्रवाह नहीं देखा जा रहा है और कहीं भी बाढ़ की स्थिति नहीं है। जल सैलाब नंदप्रयाग से आगे निकल गया है और नदी सामान्य स्तर से एक मीटर ऊपर बह रही है। अलकनंदा के किनारे के स्थित गांवों में कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग और मेरी टीम नियंत्रण केंद्र में मौजूद है और वास्तविक समय के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रही है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।’’

रावत ने कहा, ‘‘राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है।

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Web Title: Reduction in river flow is a matter of relief, there is no reason to panic: Chief Minister

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