Red Fort blast: प्लानिंग से नहीं गलती से हुआ विस्फोट! दिल्ली धमाके की शुरुआती जांच में खुलासा: रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 12, 2025 10:28 IST2025-11-12T10:24:39+5:302025-11-12T10:28:11+5:30
Red Fort blast: जांचकर्ताओं ने नबी की गाड़ी का 11 घंटे का सुराग लगाने में कामयाबी हासिल की है।

Red Fort blast: प्लानिंग से नहीं गलती से हुआ विस्फोट! दिल्ली धमाके की शुरुआती जांच में खुलासा: रिपोर्ट
Red Fort blast: लाल किले के पास हुए विस्फोट मामले की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि जब एक अंतर-राज्यीय आतंकवादी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद जल्दबाजी में बनाए गए विस्फोटक उपकरण को ले जाया जा रहा था तभी संभवतः यह विस्फोट ‘दुर्घटनावश’ हुआ। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने मंगलवार को लाल किला विस्फोट मामले की जांच एक संभावित आतंकवादी हमले के रूप में की और पुलवामा के एक डॉक्टर उमर नबी पर ध्यान केंद्रित किया ।
पुलवामा के इस डॉक्टर का संबंध फरीदाबाद स्थित आतंकवादी मॉड्यूल से था, जिसका पर्दाफाश वहां से विस्फोटक बरामद होने के बाद हुआ था। विस्फोट के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने उमर की मां का डीएनए नमूना लिया, ताकि अवशेषों की पुष्टि हो सके। सूत्रों ने बताया कि यह विस्फोट दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में कई स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा माने जा रहे संदिग्धों को पकड़ने के लिए की गई छापेमारी के बाद घबराहट और हताशा में किया गया।
Red Fort car explosion: Hyundai i20 used in blast, NIA investigates panic trigger 🚗💥🚨🇮🇳 #RedFortBlast#DelhiBlast#NIA#BreakingNews#TerrorProbe
— Economic Times (@EconomicTimes) November 12, 2025
🚨 #DelhiBlast#LIVE Updates ➠ https://t.co/HMSbUfi122pic.twitter.com/mrnAhIwrVh
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ फरीदाबाद में छापेमारी के बाद संदिग्ध शायद घबरा गया था, जिसकी वजह से उसे जल्दी से अपना घर बदलना पड़ा, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई। ऐसा लगता है कि यह घटना संदिग्ध आत्मघाती हमले के बजाए परिवहन के दौरान अनजाने विस्फोट में बदल गई।" हालांकि, सूत्रों ने बताया कि पुलिस आत्मघाती हमलावर हमले समेत सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि खुफिया टीमों के प्रथम आकलन से पता चलता है कि संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) को गलत तरीके से बनाया गया था, जिससे इसका विनाशकारी प्रभाव सीमित हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘बम समय से पहले ही फट गया था और पूरी तरह बना नहीं था, इसलिए इसका प्रभाव सीमित रहा। विस्फोट से कोई छर्रे या कीलें नहीं मिले।"
लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए विस्फोट से कुछ ही घंटे पहले जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक ‘‘सफेदपोश’’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ था, जिसमें तीन डॉक्टर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया था। यह मॉड्यूल कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। इस बीच, दिल्ली फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने विस्फोट स्थल से 40 नमूने एकत्र किए हैं, जिनमें वाहन के क्षतिग्रस्त अवशेष और मानव शरीर के अंग शामिल हैं, और इनकी जांच की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि प्रयोगशाला ने नमूनों के विश्लेषण के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में विस्फोट को "बम विस्फोट" बताया गया है और इसमें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी हमले की साजिश और सजा से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। शुरुआत में दावा किया गया था कि विस्फोट के दौरान कार में तीन लोग थे। हालांकि, अब यह स्पष्ट है कि विस्फोट के समय आई20 कार केवल नबी चला रहा था, जो आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद फरार हो गया था। पुलिस की जांच के अनुसार, यह भी पता चला है कि नबी फरीदाबाद में अपने साथियों की गिरफ्तारी के बारे में इंटरनेट पर तलाश करते हुए लगभग तीन घंटे तक सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में रहा। जांचकर्ताओं ने नबी की गाड़ी का 11 घंटे का सुराग लगाने में कामयाबी हासिल की है।
वह लाल किले के पास छत्ता रेल चौक रोड पर आगे बढ़ा और फिर यू-टर्न ले लिया। जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट लाल किला पुलिस चौकी से कुछ मीटर पहले हुआ। सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद भी शामिल थे जो फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े थे। फरीदाबाद से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था। जांच अधिकारियों के अनुसार, शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा का नेतृत्व कर रही थी। वह समूह की महिला शाखा जमात-उल-मोमिनात की प्रमुख थी।
अधिकारियों ने बताया कि उमर अल फलाह से भी जुड़ा है और माना जा रहा है कि वह हुंदै आई20 कार चला रहा था जिसमें यह शक्तिशाली विस्फोट हुआ था। उमर ने कथित तौर पर यह आतंकी हमला इसलिए किया क्योंकि उसे डर था कि वह भी अपने साथी चिकित्सकों की तरह पकड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा का यह डॉक्टर कथित तौर पर कार में विस्फोटक, संभवतः अमोनियम नाइट्रेट ले जा रहा था। आत्मघाती हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
उसकी भाभी मुजम्मिल ने बताया कि उमर बचपन से ही अंतर्मुखी था और अपनी पढ़ाई और काम पर ध्यान केंद्रित करता था। उन्होंने बताया, ‘‘वह फरीदाबाद के एक कॉलेज में संकाय सदस्य के रूप में काम कर रहा था। उसने शुक्रवार को फोन करके कहा कि वह परीक्षाओं में व्यस्त है और तीन दिन बाद घर लौटेगा। वह बचपन से ही शर्मीले मिजाज वाला था।’’ उसने बताया कि वह आखिरी बार दो महीने पहले कश्मीर गया था।
Initial probe into Delhi Red Fort blast indicates 'accidential detonation' of explosives.
— WION (@WIONews) November 12, 2025
Was the blast caused by panic? @BislaDiksha has more. #RedFortBlastpic.twitter.com/TWHmysOPOX
उसने यह भी बताया कि वह अकेला रहता था और उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिलता है कि लाल किले के पास हुए विस्फोट में संभवत: अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया है। विस्फोट और आतंकी मॉड्यूल की जांच जारी रहने के बीच अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के एक व्यक्ति तारिक को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसने कथित तौर पर उमर मोहम्मद को हुंदै आई20 कार दी थी।
दिल्ली पुलिस, एनआईए और खुफिया एजेंसियों की कई टीम दिल्ली और कश्मीर में फैल गई हैं। कश्मीर में छापेमारी के दौरान चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन चारों में से दो को दिल्ली विस्फोट और अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल में उनकी भूमिका के आरोप में संयुक्त पूछताछ के लिए ले जाया गया है। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत आतंकवादी हमला मामले की साजिश एवं ऐसे मामलों में सजा से संबंधित धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया है।
दिल्ली पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर रही है और राष्ट्रीय राजधानी को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है तथा हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों एवं बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में “मास्क पहने हुए एक व्यक्ति” को उस कार को चलाते हुए देखा जा सकता है जिसमें विस्फोट हुआ था। पुलिस ने कहा कि कई टीम को लाल किले और उसके आसपास के रास्तों के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि उमर कार में अकेला था।
विस्फोट के बाद, राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सभी सीमा बिंदुओं पर वाहनों की जांच तेज कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों, चाहे वे निजी हों या व्यावसायिक, की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत पूरी जांच और सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस के एक सूत्र ने बताया, ‘‘लाल किले और आसपास के रास्तों से सीसीटीवी फुटेज खंगालने के लिए कई टीम तैनात की गई हैं ताकि हुंदै आई20 कार को चलाने वाले मास्क पहने व्यक्ति के बारे में और जानकारी मिल सके जिसमें विस्फोट हुआ था।’’ सूत्र ने कहा, ‘‘हमें यह भी पता चला है कि विस्फोट से पहले कार तीन घंटे तक पास की एक पार्किंग में खड़ी थी। विभिन्न पार्किंग स्थलों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि संभावित संदिग्धों का पता लगाने के लिए दरियागंज और पहाड़गंज इलाकों के होटलों और गेस्ट हाउस में रात भर तलाशी अभियान चलाया गया।
लाल किला मेट्रो स्टेशन यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया है, जबकि इलाके में यातायात प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। दिल्ली यातायात पुलिस ने प्रतिबंधों और यातायात मार्ग परिवर्तन के संबंध में एक परामर्श जारी किया है तथा यात्रियों को सुबह छह बजे से अगले आदेश तक इन मार्गों से बचने और परेशानी मुक्त यात्रा के लिए वैकल्पिक सड़कों का उपयोग करने की सलाह दी है।
मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी अशोक कुमार (34) और दिल्ली निवासी अमर कटारिया (35) के रूप में हुई है। अन्य शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। उनकी उम्र 28 से 58 वर्ष के बीच है। अधिकारियों ने बताया कि कार के क्षतिग्रस्त अवशेषों से एक क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया है। 20 घायलों में से 12 दिल्ली के निवासी हैं तथा आठ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के निवासी हैं।