कश्मीर आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या का बन सकता है रिकॉर्ड, रूस, साईबेरिया और मध्य एशिया से आने का सिलसिला जारी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 28, 2023 01:01 PM2023-11-28T13:01:48+5:302023-11-28T13:04:04+5:30

हाकसार, वुल्लर झील, हायगाम, मीरगुंड और शैलाबाग जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां पर ये मेहमान पक्षी अपना डेरा डाले हुए हैं। हाकसार के वन्य जीव वार्डन का कहना है कि ये मेहमान पक्षी नवंबर से फरवरी तक चार माह की अवधि के लिए ही इन स्थानों पर ठहरते हैं।

record can be made in the number of migratory birds coming to Kashmir | कश्मीर आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या का बन सकता है रिकॉर्ड, रूस, साईबेरिया और मध्य एशिया से आने का सिलसिला जारी

फाइल फोटो

Highlightsदुनिया के कई हिस्सों से मेहमान पक्षियों के वादियों में पहुंचने का सिलसिला जारीअलग-अलग वेटलेंड पर लगभग 5 से 6 लाख के करीब प्रवासी पक्षी भी पहुंच चुके हैंये मेहमान पक्षी रूस, साईबेरिया, मध्य एशिया और अन्य मुल्कों से आए हैं

जम्मू:  कश्मीर में बारूदी फिजां के खुशनुमा माहौल में बदलने के कारण दुनिया के कई हिस्सों से मेहमान पक्षियों के वादियों में पहुंचने के कारण उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पिछले सभी वर्षों के रिकार्ड इस बार टूट जाएंगे। कश्मीर के वाइल्ड लाइफ विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले कुछ समय से वन्य जीव विभाग की ओर से प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं और इन कोशिशों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।

वैसे कश्मीर में पारा धीरे धीरे जमाव बिंदू तक पहुंचने लगा है और ऐसे में कश्मीर के अलग-अलग वेटलेंड पर लगभग 5 से 6 लाख के करीब प्रवासी पक्षी भी पहुंच चुके हैं जिन्हें कश्मीर की सर्दी कुछ ज्यादा ही भाने लगी है। ये मेहमान पक्षी रूस, साईबेरिया, मध्य एशिया और अन्य मुल्कों से आए हैं। कश्मीर के वाइल्ड लाइफ वार्डन इफशान दीवान इसकी पुष्टि करते हैं कि कश्मीर में 5 से 6 लाख के करीब मेहमान कह लिजिए या फिर प्रवासी पक्षी आ चुके हैं।

हालांकि वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि घाटी में आने वाले मेहमान पक्षियों की संख्या में गिरावट आ रही है। उनका कहना है कि वेटलैंड के आसपास लगातार हो रहे अतिक्रमण और तेजी से हो रहा शहरीकरण इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है लेकिन वन्य जीवन वार्डन का कहना है कि विभाग की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं ताकि मेहमान पक्षियों की संख्या में वृद्धि होती रहे।

हाकसार, वुल्लर झील, हायगाम, मीरगुंड और शैलाबाग जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां पर ये मेहमान पक्षी अपना डेरा डाले हुए हैं। हाकसार के वन्य जीव वार्डन का कहना है कि ये मेहमान पक्षी नवंबर से फरवरी तक चार माह की अवधि के लिए ही इन स्थानों पर ठहरते हैं। इसके बाद आमतौर पर ये पक्षी अपने पुराने स्थानों की ओर लौटना शुरू कर देते हैं। उनका दावा था कि पिछले साल हाकसार में लगभग 6 लाख प्रवासी पक्षी आए थे और इस साल यह संख्या 5 लाख को भी पार कर चुकी है। यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में ब्राह्णी बत्तख, टफड बत्तख, गड़वाल कामन पाक हार्ड, मिलार्ड, गैरेनरी, रैड करासड कामन टीट आदि शामिल हैं।

वन्य जीवन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि उनके कर्मचारी लगातार ऐसे स्थानों का दौरा करते रहते हैं जहां पर अतिक्रमण की आशंका सबसे अधिक हो। उनका यह भी कहना था कि विभिन्न वेटलैंड में पानी का स्तर गिरने के कारण ही लोगों के लिए अवैध कब्जे करना काफी हद तक आसान हो गया था। इसके अलावा कुछ साल पूर्व  पहले इन पक्षियों के शिकार पर जो से जो पाबंदी हटाई गई थी उसे अब पुनः लागू कर दिया गया है।

वन्य जीव वार्डन का कहना है कि इस साल खासतौर पर इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि पानी का स्तर बना रहे और इसके लिए उन्होंने अलग अलग स्रोत्रों से पानी को इन स्थानों तक पहुंचाने की पूरी गंभीरता के साथ कोशिश की है। इसके अलावा सैलबाग-वेटलैंड पर इस बार विशेष रूप से ध्यान दिया गया है।

Web Title: record can be made in the number of migratory birds coming to Kashmir

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