रविशंकर प्रसाद बोले, हम आजकल कुछ जगहों पर ''आजादी-आजादी'' के नारे सुन रहे हैं, किस से आजादी?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 13, 2020 07:45 PM2020-02-13T19:45:14+5:302020-02-13T19:45:14+5:30
लोग खुलकर सरकार की आलोचना करते हैं। वह किसी को चुन सकते हैं या किसी को नकार सकते हैं। उनमें से कुछ विश्वविद्यालयों का घेराव और पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी जता चुके हैं। फिर किससे आजादी?''
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजादी के नारे लगाने वाले प्रदर्शकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश तो पहले ही आजाद है।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह अनुच्छेद हमें इस तरह की आजादी पर समुचित प्रतिबंध की भी याद दिलाता है। प्रसाद ने ट्वीट किया, ''हम आजकल कुछ जगहों पर ''आजादी-आजादी'' के नारे सुन रहे हैं। किस से आजादी?
लोग खुलकर सरकार की आलोचना करते हैं। वह किसी को चुन सकते हैं या किसी को नकार सकते हैं। उनमें से कुछ विश्वविद्यालयों का घेराव और पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी जता चुके हैं। फिर किससे आजादी?'' भाजपा के वरिष्ठ नेता ने 'टाइम्स नाउ समिट' को संबोधित करते हुए कहा, ''आपकी आजादी का आलम यह है कि आप अपने ही विश्वविद्यालय का घेराव करते हैं और पुलिस से भी लड़ते हैं। फिर आपको किससे आजादी चाहिये? इस सवाल पर बहस होनी चाहिये।''