व्हाट्सएप जासूसी को लेकर रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में पुष्टि करते हुए कहा कि भारत में करीब 121 लोगों के फोन को निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा 'बीते पांच सितंबर, 2019 को वाट्सएप ने सीईआरटी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी। हालांकि इस बात की अभी भी जानकारी नहीं मिली है कि कौन-सी जानकारी हैकर्स तक पहुंची है।'
रवि शंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि सरकार वॉट्सएप प्लेटफॉर्म को सुरक्षित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। वॉट्सएप के साथ हुई मीटिंग में उन्होंने किसी भी तरह की डेटा ब्रीच से इनकार किया था। सरकार की कोशिश है कि आपका डेटा सुरक्षित रहे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा 'भारतीय और विदेशी दोनों का ही डिजिटल बाजार में योगदान देने के लिए स्वागत है। उन्हें यह समझना होगा कि भारतीयों की रक्षा और सुरक्षा का मुख्य महत्व है। उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए उचित सुरक्षा कदम उठाने चाहिए।
वहीं, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं वॉट्सएप इस्तेमाल नहीं करता। फिर भी आज चेक करने के लिए वॉट्सएप और गूगल का इस्तेमाल किया। सरकार जासूसी कर रही है। आपकी लीडरशिप भली भांति जानती है। मैं मांग करता हूं कि पेगासस के साथ हुई अधिकारिक मीटिंग के मीनट्स सदन के सामने रखे जाएं। दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि अगर सरकार सही से जवाब देने में विफल रहती है तो ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी गठित करके इसकी पूरी करवाई हो सभी दलों से मैं यही अपील करता हूं। उन्होंने कहा कि क्या सरकार स्वीकार करती है कि उसने जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा, यदि हां, तो यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन है। क्या सरकार ने एनएसओ के खिलाफ जांच करवाई। सरकार को यह बताना चाहिए कि व्हाट्सएप के जरिए कितने फोन हैक हुए।