मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार में थानों के रेट फिक्स हैं. सरकार लाचार और प्रशासन लचर है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि चौहान अपने कार्यकाल को देखे, इनके चाल चरित्र से सब वाकिफ हैं.
कानून व्यवस्था को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है कि कमलनाथ सरकार में थानों का रेट फिक्स हो गया है, सरकार लाचार हैं और प्रशासन लचर. रेत माफिया बेखौफ कारनामों को अंजाम दे रहे हैं. हर तरफ लूट, भ्रष्टाचार, और अराजकता है, हम चुप नहीं बैठेंगे, प्रदेश के हक की लड़ाई लड़ेंगे.
वहीं शिवराज सिंह चौहान के इस ट्वीट पर राज्य के सहकारिता मंत्री डा. गोविंद सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान अपने कार्यकाल को देख लें, उस दौरान क्या स्थिति थे. इनके चाल चरित्र को सब जानते हैं. अवैध उत्खनन को लेकर उन्होंने कहा कि हमने जो सच्चाई थी, वह मुख्यमंत्री कमलनाथ को बताई थी और इसके बाद कार्रवाई होने के बाद वहां पर अवैध उत्खनन बंद हो गया है.
दूसरे ट्वीट में चौहान ने कहा कि महाकाल मंदिर के विकास कार्यों को लेकर चर्चा में राज्य सरकार ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व उज्जैन की जनता को शामिल नहीं किया. मेरी मांग है कि जो भी नीतिगत फैसले मंदिर के संबंध में लिए जाएं, उसमें स्थानीय विधायक, सांसद, महापौर और जनता को भी सम्मिलित कर उन्हें भागीदार बनाया जाए.
कमलनाथ सरकार पर किसानों को नहीं भरोसा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर किसानों को ढांढस बंधाते हुए कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हमारा अन्नदाता खुद को अकेला महसूस कर रहा है. कमलनाथ सरकार पर किसान को भरोसा नहीं. न कर्ज़ माफी की आस, न मुआवजा मिलने का भरोसा, हमें उनके हक के लिए अंतिम सांस तक लड़ना है और उनका हक दिलवाना है.
पोल-खोल स्पर्धा शुरू
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मंत्री गोविंद सिंह द्वारा अवैध उत्खनन के मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद उसका समर्थन किया साथ ही इसे लेकर कटाक्ष भी किया. उन्होंने कहा कि रेत खनन को लेकर राज्य में कांग्रेस सरकार में सरकार और मंत्रियों के बीच पोल-खोल स्पर्धा शुरु हो गई है, जो जीता रेस उसकी.