जम्मू-कश्मीर में कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामले, कई जिलों में मास्क जरूरी, पर्यटकों को ठहराया जा रहा दोषी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 20, 2022 03:40 PM2022-07-20T15:40:33+5:302022-07-20T15:41:09+5:30
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश में पिछले छह महीनों के भीतर आने वाले 1.08 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। उन्हें डर इस बात का लग रहा है कि प्रदेश में पुनः कोरोना पाबंदियों के नाम पर कोई लॉकडाउन लागू न हो जाए।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में कोरोना के बढ़ते मामले फिर से सभी को डराने लगे हैं। एतिहात के तौर पर दोनों राजधानी शहर श्रीनगर व जम्मू समेत कई जिलों में मास्क आवश्यक कर दिए जाने के बावजूद मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है। हालांकि इन मामलों के लिए आने वाले अमरनाथ श्रद्धालुओं व पर्यटकों को दोषी ठहराया जा रहा है जिनकी एक अच्छी खासी संख्या संक्रमित पाई गई है।
कल भी 400 के लगभग मामले सामने आए थे। कल श्रीनगर में और आज जम्मू जिले में मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना था कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रदेश के बाहर से आने वालों के टेस्ट भी जरूरी किए जा सकते हैं। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने एक आपात बैठक भी बुलाई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश में पिछले छह महीनों के भीतर आने वाले 1.08 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। उन्हें डर इस बात का लग रहा है कि प्रदेश में पुनः कोरोना पाबंदियों के नाम पर कोई लॉकडाउन लागू न हो जाए। दरअसल ऐसे संकेत अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे हैं। यह डर इसलिए भी है क्योंकि 15 दिन पहले ही लद्दाख में मामले बढ़ने के कारण स्कूलों को 14 दिनों के लिए बंद रखा जा चुका है।
हालांकि बढ़ते मामलों के प्रति स्थानीय डॉक्टरों का कहना था कि सिर्फ एतिहात बरतने की जरूरत है न कि डरने की। पर यह चिंता उस समय और बढ़ जाती थी जब कई इसे चौथी लहर के तौर पर भी निरूपित करते थे। नतीजतन टूरिज्म से रोजी रोटी कमाने वालों के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह है कि या तो वे टूरिस्टों के आने पर खुशी मनाएं या फिर उनके द्वारा संक्रमण प्रदेश में फैलाए जाने पर दुखी हों।