किसी आदेश को लिखवाने में 10 सेकेंड का समय लगेगा, लेकिन व्यक्ति को अपनी आजादी खोनी पड़ेगी और एक सप्ताह और जेल में रहना होगा, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, जानें

By भाषा | Published: December 6, 2022 08:15 PM2022-12-06T20:15:19+5:302022-12-06T20:16:58+5:30

सुप्रीम कोर्टः पीठ ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के लिए इस स्तर पर निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। आप उच्च न्यायालय का रुख कीजिए।’’

Rape Case Will Take 10 Seconds For Order But Person Will Lose Liberty jail for one more week Says Supreme Court  | किसी आदेश को लिखवाने में 10 सेकेंड का समय लगेगा, लेकिन व्यक्ति को अपनी आजादी खोनी पड़ेगी और एक सप्ताह और जेल में रहना होगा, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, जानें

याचिका को सात दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करके कुछ गलत नहीं किया है।

Highlights निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की कथित बलात्कार पीड़िता की अपील को खारिज कर दिया।याचिका को सात दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करके कुछ गलत नहीं किया है।निचली अदालत के आदेश को चुनौती दे सकती है।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म के एक आरोपी की जमानत याचिका की सुनवाई पर रोक लगाने की पीड़िता की अर्जी को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि किसी आदेश को लिखवाने में 10 सेकेंड का समय लगेगा, लेकिन इससे एक व्यक्ति को अपनी आजादी खोनी पड़ेगी और एक सप्ताह और जेल में रहना होगा।

न्यायालय ने दुष्कर्म के एक आरोपी की जमानत अर्जी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की कथित बलात्कार पीड़िता की अपील को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी को स्वतंत्रता पर गर्व होना चाहिए और निचली अदालत ने जमानत याचिका को सात दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करके कुछ गलत नहीं किया है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिंहा की पीठ ने कहा, ‘‘आखिर उन्होंने (अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, पणजी) ने क्या गलत किया है। उन्होंने केवल इतना कहा है कि वह आरोपी की जमानत अर्जी पर कल सुनवाई करेंगे।

एक तरफ हम कहते हैं कि निचली अदालतें जमानत नहीं देतीं और यहां ऐसा मामला है कि उन्होंने केवल इतना कहा है कि वह कल मामले को देखेंगे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के लिए इस स्तर पर निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाना उचित नहीं होगा।

आप उच्च न्यायालय का रुख कीजिए।’’ उसने कहा कि महिला बुधवार को ही गोवा में बंबई उच्च न्यायालय की पीठ में जा सकती है और निचली अदालत के आदेश को चुनौती दे सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘हमें कोई आदेश लिखाने में 10 सेकेंड लगेंगे लेकिन व्यक्ति को अपनी आजादी खोनी पड़ेगी और एक और सप्ताह जेल में रहना होगा।’’ 

Web Title: Rape Case Will Take 10 Seconds For Order But Person Will Lose Liberty jail for one more week Says Supreme Court 

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