सौ के नए नोट पर दिखने वाली 'रानी की बावड़ी' का क्या है गुजरात कनेक्शन, जानिए
By भारती द्विवेदी | Published: July 21, 2018 12:19 PM2018-07-21T12:19:12+5:302018-07-21T12:19:12+5:30
आरबीआई ने इससे पहले 10, 50, 200, 500 और 2 हजार रुपये के नए नोट जारी कर चुका है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई: हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सौ रुपए के नए नोट का पहला लुक जारी किया है। जल्द ही जारी होने वाले सौ रुपए के नए नोट में रंग से लेकर काफी चीजें बदलने जा रही है। सौ का ये नया नोट बैंगनी रंग के साथ ज्यामितिक पैटर्न पर होगा। नोट का साइज का 66 मिमीx 142 मिमी होगा। नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर उर्जित पटेल का हस्ताक्षर होगा। गांधी जी की तस्वीर और अशोक स्तंभ भी होगा लेकिन इन सबके साथ ही एक और चीज नोट में होगी। वो है 'रानी की वाव'। 'रानी की वाव' आपको नोट के पिछले हिस्से में देखने को मिलेगा। तो आइए आपक बताते हैं कि सौ रुपए के नए नोट में दिखने वाला 'रानी की वाव' क्या है?
'रानी की वाव' क्या है?
रानी की वाव गुजरात के पाटन में स्थित है एक गांव है। ये बावड़ी सरस्वती नदी के किनारे पर स्थित है। गांव एक मशहूर बावड़ी (सीढ़ीदार कुआँ) है। इसका निर्माण 11 वीं सदी में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। पाटण को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था। जो गुजरात की पहली राजधानी थी। ये वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है। यह भारत में अपनी तरह का अनूठा वाव है। यूनोस्को ने विश्व धरोहर की सूची में इसे शामिल किया है। ये बावड़ी सरस्वती नदी से जुड़ी हुई है। बावड़ी के नीचे एक छोटा द्वार है, जिसके अंदर 30 किलोमीटर का एक सुरंग भी है। फिलहाल इस सुरंग को मिट्टी और पत्थरों से ढक दिया गया है।
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