नासिक मामले में नहीं होगी राणे की गिरफ्तारी: राज्य सरकार ने अदालत को बताया, शिवसेना बोली-टिप्पणी को गंभीरता से लें मोदी

By भाषा | Published: August 25, 2021 07:22 PM2021-08-25T19:22:08+5:302021-08-25T19:22:08+5:30

Rane will not be arrested in Nashik case: State government told the court, Modi should take Shiv Sena bid-comment seriously | नासिक मामले में नहीं होगी राणे की गिरफ्तारी: राज्य सरकार ने अदालत को बताया, शिवसेना बोली-टिप्पणी को गंभीरता से लें मोदी

नासिक मामले में नहीं होगी राणे की गिरफ्तारी: राज्य सरकार ने अदालत को बताया, शिवसेना बोली-टिप्पणी को गंभीरता से लें मोदी

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी को लेकर नासिक में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी। न्यायमूर्ति एस एस शिन्दे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ को महाराष्ट्र सरकार ने राणे की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आश्वासन दिया। राणे ने इस याचिका में नासिक में दर्ज प्राथमिकी और भविष्य में दर्ज किए जा सकने वाले अन्य सभी मामलों को निरस्त करने का आग्रह किया गया है। राणे ने मंगलवार को अपने वकील अनिकेत निकम के मध्यम से दायर अपनी याचिका में गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने का भी आग्रह किया है। भारत की स्वतंत्रता के वर्ष के संबंध में कथित अज्ञानता के चलते मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारने संबंधी बयान के आरोप में राणे को मंगलवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले से गिरफ्तार किया गया था। बाद में, रायगढ़ जिले की महाड अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी थी। राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा था, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’उनकी इस टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ महाड, पुणे, ठाणे और नासिक में चार प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। इस बीच, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में बुधवार को प्रकाशित एक संपादकीय में राणे पर हमला बोला गया और कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर राणे के पुत्र एवं विधायक नितेश राणे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। बंबई उच्च न्यायालय ने आज राणे की याचिका पर सुनवाई की जिसमें उनके खिलाफ नासिक में दर्ज प्राथमिकी और भविष्य में दर्ज हो सकने वाले सभी मामलों को निरस्त किए जाने का आग्रह किया गया है और गिरफ्तारी से संरक्षण मांगा गया है। नासिक पुलिस ने राणे को नोटिस जारी कर उनसे कहा था कि वह दो सितंबर को दोपहर 12 बजे जांच अधिकारी के समक्ष पेश हों। राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि नासिक में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में याचिका पर सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तक राणे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। राणे के वकील सतीश मानशिन्दे ने कथित बयान के संबंध में उत्पन्न हो सकने वाले सभी मामलों में संरक्षण प्रदान करने का आग्रह किया। मानशिन्दे ने कहा कि अभी उन्हें पुणे और ठाणे में दर्ज प्राथमिकियों की प्रति नहीं मिली है, इसलिए वह कथित बयान से उत्पन्न हो सकने वाले सभी मामलों में संरक्षण मांग रहे हैं। देसाई ने हालांकि कहा कि याचिका में केवल नासिक में दर्ज प्राथमिकी का उल्लेख है, इसलिए पूर्ण संरक्षण की बात नहीं की जा सकती। अदालत ने सहमति जताते हुए मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी। उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता (राणे) याचिका में संशोधन कर सकते हैं और रिकॉर्ड में सभी प्राथमिकियों को ला सकते हैं। इसने कहा, ‘‘आप (राणे) याचिका में संशोधन कीजिए और सभी प्राथमिकियों का लाइए। तब हम संरक्षण के मुद्दे पर विचार करेंगे।’’ देसाई ने अदालत से कहा कि राणे को भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए जिनका समाज पर कुछ गलत असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘दंडात्मक कार्रवाई न करने के सरकार के बयान का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए तथा याचिकाकर्ता को इस तरह की और टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए।’’ इस पर मानशिन्दे ने कहा कि वह ऐसा कोई वचन नहीं दे सकते क्योंकि सवाल उनके मुवक्किल की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का है। राणे ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है और वह निर्दोष हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई प्राथमिकियां दर्ज कर राज्य सरकार उन्हें परेशान कर रही है। ‘सामना’ में कहा गया कि राणे ने केन्द्र सरकार का सिर शर्म से झुका दिया है और केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद वह किसी ‘‘सड़क छाप बदमाश’’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं। संपादकीय में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ठाकरे के खिलाफ की गई राणे की टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए। इसमें कहा गया कि अगर प्रधानमंत्री के बारे में किसी ने इस तरह बात की होती तो, उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हो गया होता और राणे ने भी ऐसा ही अपराध किया है।शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि महाराष्ट्र में पिछली भाजपा नीत सरकार ने कुछ बुद्धिजीवियों को इस आरोप में जेल में बंद कर दिया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची थी।राणे को मंगलवार देर रात जमानत मिलने के तुरंत बाद उनके पुत्र एवं विधायक नितेश राणे ने ट्विटर पर फिल्म ‘राजनीति’ का एक वीडियो साझा किया, जिसमें अभिनेता मनोज बाजपेयी यह कहते नजर आते हैं, ‘‘ आसमान पर थूकने वाले को शायद यह पता नहीं है कि वह उनके चेहरे पर ही गिरेगा....करारा जवाब मिलेगा, करारा जवाब मिलेगा।’’ नारायण राणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले युवा सेना के कुछ सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात किए जाने के बाद नितेश राणे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। कंकावली से विधायक ने ट्वीट किया, ‘‘यह वास्तव में पश्चिम बंगाल की तरह ही सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा थी। राज्य के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री को सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए लेकिन वह वास्तव में गुंडों का अभिनंदन कर रहे हैं। महाराष्ट्र में यह हालत हो गई है। इन ठगों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र रास्ता है।’’ इस बीच, सिंधुदुर्ग जिले के मालवन में शिवसेना सांसद विनायक राउत के बंगले पर कुछ अज्ञात लोगों ने सोडा पानी की बोतलें फेंकी। नारायण राणे के एक सहयोगी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पहले वाले रास्ते से ही जल्द ‘जन आशीर्वाद’ यात्रा शुरू करेंगे।

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