राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार (17 अप्रैल) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर एक बयान दिया, जिसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को तुरंत लपक लिया और चुनाव आयोग से मांग की है कि राष्ट्रपति को लेकर दिए गए बयान पर संज्ञान ले और अशोक गहलोत माफी मांगें।
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि गुजरात के चुनाव आ रहे थे और वो (प्रधानमंत्री) घबरा चुके थे कि उनकी सरकार गुजरात में नहीं बनने जा रही है। मेरा ऐसा मानना है कि जातीय समीकरण बैठाने के लिए रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया और लालकृष्ण अडवाणी छूट गए।
बीजेपी ने कहा है कि भारत के राष्ट्रपति, जो देश में सर्वोच्च पद है उनपर भी कांग्रेस ने राजनीति करने की कोशिश की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देश के राष्ट्रपति को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
उसने कहा है कि कांग्रेस क्या गरीब तबके, दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति जी के खिलाफ है। एक काबिल व्यक्ति और ज्ञानी व्यक्ति होने के बावजूद केवल समाज का नाम लेकर कांग्रेस राष्ट्रपति के साथ पूरे समाज और देश को बदनाम कर कर रही है।
बीजने ने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा है कि हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि देश के राष्ट्रपति पर इस तरह का बयान देने के मामले पर वह संज्ञान ले और अशोक गहलोत को नोटिस दें और उन्हें माफी मांगने के लिए कहे।