अयोध्या में इस वक्त एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं।
राम मंदिर मामलाः अयोध्या में 1992 की तरह जमा हो रहे हैं हिन्दू संगठन, राम जन्मभूमि फिर बनी छावनी
अयोध्या में 25 नवंबर को विश्व हिन्दू परिषद के धर्म संसद कार्यक्रम के तहत राज्य पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
शुक्रवार को लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं।
इसके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं।
17 मिनट में गिरा दी थी बाबरी मस्जिद, राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश कब आएगा: राउत
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के यहां आने से एक दिन पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा कि वह राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश में लाने में देरी क्यों कर रही है।
रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘बाबरी मस्जिद 17 मिनट में गिरा दी गई थी....जो जरूरी था वह राम भक्तों ने आधे घंटे में कर दिया था....सालों से धब्बा रही चीज गिरा दी गई।’’
शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘दस्तावेज तैयार करने...अध्यादेश लाने में कितना वक्त लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा की सरकार है। राज्यसभा में ऐसे बहुत से सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे।' इससे पहले, शिवसेना ने शुक्रवार को भाजपा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने के लिए कहा।
शिवसेना प्रमुख उद्धव कल अयोध्या आने वाले हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की हिंदूवादी संगठनों की मांग के बीच उद्धव की यह यात्रा होने वाली है। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है।
पार्टी ने अपने मुखपत्र के संपादकीय में लिखा, ‘‘हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं।"
संपादकीय के मुताबिक, ‘‘सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने रामजन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया।’’
शिवसेना ने दावा किया कि उसने "चलो अयोध्या" का नारा नहीं दिया है। उसने कहा, "अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है। शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं।"
संपादकीय में ये भी लिखा गया है, "अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है। 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था। फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं। अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए।"
संपादकीय में कहा गया है कि "आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।"
गौरतलब है कि विश्व हिन्दू परिषद की धर्म सभा का आयोजन भी रविवार को किया गया है जिसमें करीब एक लाख लोगों के आने की संभावना है ।
राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाए मोदी सरकार: साध्वी प्राची
अपने विवादित बयानों के लिए ख्यात हिन्दू कार्यकर्ता साध्वी प्राची ने शुक्रवार को मांग की कि केंद्र की भाजपा सरकार संसद में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाए ताकि मंदिर निर्माण के रास्ते की बाधा दूर हो ।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण निश्चित है और 25 नवंबर को अयोध्या में इस मामले पर विचार विमर्श के लिए लाखों ‘राम भक्त’ एकत्र हो रहे हैं।
लखीमपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'या तो अदालत जल्द फैसला सुनाए या (केंद्र) सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाए।’’ साध्वी प्राची ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वह राम मंदिर मुददे पर राजनीति कर रहे है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक ब्राहमण जिसे अपने गोत्र तक की जानकरी नहीं है, नकली जनेऊ पहन कर एक मंदिर से दूसरे मंदिर जा रहा है और राजनीति कर रहा है।’’
प्राची ने कहा, ‘‘उसे मोदी जी के पास जाना चाहिए, राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के लिए उन्हें ललकारना चाहिए और अपना समर्थन देना चाहिए ताकि इस मुद्दे का स्थायी समाधान हो सके।’’