हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कहा, "हत्या और बलात्कार के दोषी राम रहीम 'कट्टर अपराधी' नहीं हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 1, 2023 09:28 AM2023-03-01T09:28:22+5:302023-03-01T09:34:01+5:30

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष हरियाणा सरकार ने हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के सजायाफ्ता दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को कट्टर अपराधी मानने से इनकार कर दिया है।

Ram Rahim, convicted of murder and rape, is not a 'hardcore criminal', says Haryana government in Punjab and Haryana High Court | हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कहा, "हत्या और बलात्कार के दोषी राम रहीम 'कट्टर अपराधी' नहीं हैं"

फाइल फोटो

Highlightsहरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गुरमीत राम रहीम के पैरोल का किया बचावशिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने याचिका दायर करके किया था पैरोल का विरोधहरियाणा सरकार ने कहा कि हत्या और बलात्कार के दोषी राम रहीम आदतन अपराधी नहीं हैं

चंडीगढ़:हरियाणा सरकार ने हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के सजायाफ्ता दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को कट्टर अपराधी मानने से इनकार कर दिया है। हरियाणा सरकार ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 जनवरी को दिये 40 दिन के पैरोल के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका का जवाब देते हुए कहा कि दो हत्याओं और बलात्कार के दोषी राम रहीम को आदतन अपराधी नहीं कहा जा सकता है।

हरियाणा सरकार ने राम रहीम के दिये पैरोल के खिलाफ दायर याचिका में यह भी कहा है कि राम रहीम को उन हत्याओं में सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया गया है। उन्हें आईपीसी की धारा 120-बी के कारण आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए सजा दी गई है।

हाईकोर्ट में दिये तर्क में सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि धारा 120-बी एक स्वतंत्र अपराध है और इस धारा के तहत आरोप स्वतंत्र रूप से तय किए जाते हैं। इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि गुरमीत दोनों हत्याओं में दोषी जरूर हैं लेकिन वो हमलावर नहीं थे।

हरियाणा सरकार की ओर से रोहतक की सुनारिया जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान ने यह जवाब हाईकोर्ट में दाखिल किया है। इस याचिका को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा दायर की गई है, जिसमें एसजीपीसी की ओर से कहा गया है कि डेरा प्रमुख राम रहीम को मिली 40 दिनों की पैरोल नियमों के विरूद्ध है, वो सीरियल किलर हैं और इस नाते उनकी पैरोल रद्द की जानी चाहिए।

वहीं हाईकोर्ट में सुनारिया जेल के अधीक्षक ने यह भी बताया कि हाईकोर्ट पहले ही डेरा प्रमुख को अस्थायी फरलो देने के पिछले आदेश को बरकरार रखा था।

एसजीपीसी द्वारा पैरोल की आपत्ति पर सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार पैरोल की मंजूरी पर इस कारण से कायम है ताकि कैदी अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याओं को हल करने और समाज के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने में सक्षम हो सकें। राज्य सरकार पैरोल को "कैदी पुनर्वास" की तरह देखती है।

हरियाणा सरकार ने कोर्ट में यह तर्क भी दिया कि डेरा प्रमुख को पहले भी तीन अलग-अलग मौकों पर अस्थायी पैरोल या फरलो दिया गया था और उस दौरान कोई भी अप्रिय या गैरकानूनी घटना नहीं हुई।

मालूम हो कि गुरमीत राम रहीम पर डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह और पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या सहित बलात्कार के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है। इन अपराधों के अलावा डेरा प्रमुख पर चार अन्य आपराधिक मामले भी हैं, जिनमें एक शिष्यों के कथित बधियाकरण और तीन अन्य सिख धर्म की बेअदबी से जुड़े हैं।

Web Title: Ram Rahim, convicted of murder and rape, is not a 'hardcore criminal', says Haryana government in Punjab and Haryana High Court

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