Ram Mandir Pran Pratishtha: चूड़ियों से लेकर 56 प्रकार का ‘पेठा’, जनकपुर से 3000 उपहार, कन्नौज से विशेष इत्र, 108 फुट लंबी अगरबत्ती, 2100 किग्रा का घंटा, देशभर से उपहारों की बाढ़, देखें
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 20, 2024 01:19 PM2024-01-20T13:19:44+5:302024-01-20T13:34:54+5:30
Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह या "प्राण प्रतिष्ठा" का गवाह बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।
Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कुछ घंटे बचे हैं। शासन से लेकर प्रशासन तक सभी तैयारी में जुट गए हैं। देश ही नहीं विदेश में भी राम नाम की धूम मच गई है। हर कोई राम मंदिर की तैयारी में लग्न है। लोग घरों को सजा रहे हैं। दीये खरीद रहे और दीपावली मनाने की तैयारी कर रहे हैं। "ऐतिहासिक" दिन मनाने की तैयारी चल रही है।
प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए जानकारी:
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम ही संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा।… pic.twitter.com/3BkCpbJIbM
अयोध्या राम मंदिर: प्राण प्रतिष्ठा का पवित्र समारोह 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होने वाला है। राम मंदिर का अभिषेक समारोह दोपहर 12:15 से 12:45 के बीच होने की उम्मीद है।
राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह: दर्शन का समय भक्तों के लिए दिव्य उपस्थिति पाने का अवसर, जिसे मंदिर दर्शन के रूप में जाना जाता है, सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक उपलब्ध है। मंदिर एक बार फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहेगा।
राम मंदिर 22 जनवरी कार्यक्रम: आरती का समय सुबह 6:30 बजे (श्रृंगार/जागरण आरती), दोपहर (भोग आरती), और शाम 7:30 बजे (संध्या आरती) के लिए तीन दैनिक आरती समारोह निर्धारित हैं। आरती समारोहों में भाग लेने और कार्यक्रम का पालन करने के लिए पास की आवश्यकता होती है।
अयोध्या में राम मंदिर: प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए जानकारी दी गई है। भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम ही संभव है। निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा। प्रवेशिका पर बने QR code के मिलान के पश्चात ही प्रवेश संभव हो पाएगा। प्रवेशिका का एक प्रारूप संलग्न है।
4.31 करोड़ बार ‘भगवान राम’ लिखे कागज भी शामिल
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच, भगवान राम के चित्र वाली चूड़ियों से लेकर 56 प्रकार के ‘पेठा’ तक और लोहा-तांबा से बने 500 किलोग्राम (किग्रा) वजन के नगाड़ा सहित देशभर से उपहारों की वहां बाढ़ सी आ गई है। अयोध्या में 22 जनवरी के समारोह के लिए उपहारों की सूची में कन्नौज से विशेष इत्र, अमरावती से कुमकुम के 500 किग्रा पत्ते, दिल्ली में एक राम मंदिर में एकत्रित अनाज, भोपाल से फूल और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से, कागज पर 4.31 करोड़ बार ‘भगवान राम’ लिखे कागज भी शामिल हैं।
जय श्री राम! pic.twitter.com/sZ3tkO2ib2
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
राम मंदिर प्रबंधन समिति को 108 फुट लंबी अगरबत्ती, 2,100 किग्रा का घंटा, 1,100 किग्रा का एक विशाल लैम्प, 10 फुट ऊंचा एक ताला और चाभी तथा आठ देशों के समय को एक साथ दर्शाने वाली एक घड़ी सहित अन्य वस्तुएं भी प्राप्त हुई हैं। नेपाल के जनकपुर से 3,000 से अधिक उपहार भी पहुंच चुके हैं।
भोपाल की एक नर्सरी ने 10,000 बोगेनविलिया फूलों की दो खेप
इनमें चांदी के जूते, आभूषण और कपड़े शामिल हैं जो जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से करीब 30 वाहनों के काफिले में लाये गए। श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल रामायण में वर्णित अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लाया है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की एक नर्सरी ने 10,000 बोगेनविलिया फूलों की दो खेप अयोध्या भेजी है, जिनका उपयोग मंदिर परिसर को सजाने के लिए किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए प्रसाद और अन्य सामग्री भेंट स्वरूप प्रदान करने के लिए श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर न्यास को धन्यवाद
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
Gratitude to Shri Mehndipur Balaji Mandir Nyas for providing Prasad and other items for pilgrims coming to Shri Ram Janmabhoomi… pic.twitter.com/vuMCJ3MsoS
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अयोध्या में समारोह के लिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तैयार किए गए पांच लाख लड्डू पांच ट्रकों से अयोध्या के लिए भेजे। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक लड्डू का वजन लगभग 50 ग्राम है और लड्डू की पूरी खेप 250 क्विंटल की है।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम एक लाख लड्डुओं की आपूर्ति
इसके अलावा, 22 जनवरी को छिंदवाड़ा से, 4.31 करोड़ बार 'राम' लिखे कागज भेजे जाएंगे। मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान भी चढ़ावे के रूप में 200 किलोग्राम लड्डू भेजने जा रहा और तिरूपति स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम एक लाख लड्डुओं की आपूर्ति करेगा।
भगवान श्री रामलला सरकार के अनुजों सहित दिव्य दर्शन - अयोध्या धाम
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 20, 2024
पौष मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, विक्रमी संवत् २०८०
Divya Darshans of Bhagwan Shri Ram Lalla, along with his brothers- Ayodhya Dham
Paush Maas, Shukla Paksh, Dashmi Tithi, Vikrami Samvat 2080 pic.twitter.com/9zcu126z5H
नागपुर में रह वाले रसोइया विष्णु मनोहर ने घोषणा की है कि वह श्रद्धालुओं के लिए 7,000 किलोग्राम पारंपरिक मिठाई ‘राम हलवा’ तैयार करेंगे। फिरोजाबाद से 10,000 से अधिक चूड़ियां श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को सौंपी गई हैं। हिंदू और मुस्लिम दोनों श्रमिकों द्वारा महीनों की मेहनत से तैयार की गई चूड़ियों पर भगवान राम, देवी सीता और भगवान हनुमान के चित्र हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर ने एक 'ओनाविल्लू' भेंट करने जा रहा जो एक रस्मी धनुष
अयोध्या मंदिर को मिले उपहारों में आगरा के प्रसिद्ध 'पेठा' के 56 प्रकार, एक रत्न जड़ित पोशाक और चांदी की थाली के अलावा रामलला के लिए कन्नौज के इत्र निर्माताओं द्वारा तैयार किए गए विशेष इत्र भी शामिल हैं। गुजरात से 500 किग्रा वजन का एक 'नगाड़ा' भेजा गया है और केरल के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर ने एक 'ओनाविल्लू' भेंट करने जा रहा जो एक रस्मी धनुष है।
शुक्रवार को श्री रामजन्मभूमि स्थित श्री राम प्रतिष्ठा कार्य के अन्तर्गत अरणि से प्रकट अग्नि की नवकुण्डों में स्थापना हुई। हवन का कार्य भव्यता से हुआ।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
वेदपारायण, रामायणपारायण सुश्राव्य हुआ। मण्डप में राजा श्री रामभद्र की रचना अत्यंत आकर्षक थी। उसमें सपरिवार रामजी की स्थापना एवं… pic.twitter.com/jgjdmGPI4q
वहीं,अयोध्या स्थित अमावा राम मंदिर भी ढाई किग्रा वजन का एक धनुष उपहार में देने जा रहा है। पिछले महीने भेजे गए 300 टन चावल के अलावा, हाल ही में छत्तीसगढ़ से सब्जी लदे दो ट्रक भेजे गए थे। दिल्ली के एक राम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' के उपलक्ष्य में चावल, गेहूं और अन्य प्रकार के अनाज को अयोध्या भेजे जाने के लिए एकत्र किया जा रहा है।
राम मंदिर की थीम पर एक हार बनाया
गुजरात के सूरत शहर में तैयार की गई एक विशेष साड़ी मंदिर प्राधिकारियों को भेजी जाएगी। भगवान राम और अयोध्या मंदिर की तस्वीरों वाली साड़ी सीता माता के लिए है। शहर के एक हीरा व्यापारी ने 5,000 अमेरिकी हीरे और दो किलोग्राम चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार बनाया है।
प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए जानकारी:
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम ही संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा।… pic.twitter.com/3BkCpbJIbM
इसे राम मंदिर को उपहार में दिया गया है। अपने 'कार सेवक' पिता के सपने को पूरा करने के लिए, हैदराबाद के चल्ला श्रीनिवास शास्त्री (64) भगवान राम को सोने की परत वाले जूते अर्पित करने लगभग 8,000 किमी की दूरी तय करके पैदल ही अयोध्या पहुंचे हैं।
प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों का विवरण:
1. आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।
2. शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ कल अर्थात 16 जनवरी 2024 से होगा, जो 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा।
द्वादश अधिवास निम्नानुसार आयोजित होंगे:-
-16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
-17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
-19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
-19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
-20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
-20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
-21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
-21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास
3. अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य: सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।
4. विशिष्ट अतिथिगण: प्राण प्रतिष्ठा भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक मोहन भागवत जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी।
प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों का विवरण:
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 15, 2024
1. आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।
2. शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं…
5. विविध प्रतिष्ठान: भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे।
6. ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग: भारत के इतिहास में प्रथम बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है। यह अपने आप में अद्वितीय होगा।
7. समाहित परंपराएँ: शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएँ इसमें भाग लेंगी।
8. दर्शन और उत्सव: गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है।
समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
(इनपुट एजेंसी)