Ram Mandir Inauguration: "क्या भगवान राम चाहेंगे कि अस्पताल बंद कर दिये जाएं", प्रियंका चतुर्वेदी ने एम्स सहित तमाम अस्पतालों द्वारा आधे दिन के अवकाश की घोषणा पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 21, 2024 08:01 AM2024-01-21T08:01:43+5:302024-01-21T08:05:55+5:30
राम मंदिर समारोह के दिन दिल्ली के एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पतालों सहित अन्य अस्पतालों द्वारा आधे दिन के अवकाश की घोषणा पर विपक्षी दलों का हमला शुरू हो गया है।
नई दिल्ली: राम मंदिर के उद्घाटन समारोह यानी 22 जनवरी को दिल्ली के एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पतालों सहित अन्य अस्पतालों द्वारा आधे दिन के अवकाश की घोषणा पर विपक्षी दलों का हमला शुरू हो गया है।
दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित चार अस्पतालों ने ऐलन किया है कि 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में दोपहर 2.30 बजे तक अस्पताल का बहिरंग विभाग (ओपीडी) सेवा बंद रहेगा।
अब इसी को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार के संचालित अस्पतालों के इस निर्णय पर सवाल उठाया है। वैसे अस्पतालों की ओर से अपनी घोषणा में यह भी कहा गया है कि 22 जनवरी के दिन अस्पताल की सभी महत्वपूर्ण और आपातकालीन सेवाएं यथावत जारी रहेंगी और उन्हें नहीं बंद किया जाएगा।
इस विषय पर सबसे पहला हमला शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेजी ने की है। उन्होंने इस फैसले पर आश्चर्य जताते हुए सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये पोस्ट में कहा, ““नमस्कार । कृपया 22 तारीख को मेडिकल इमरजेंसी में न जाएं और यदि आप इसे दोपहर 2 बजे के बाद निर्धारित करते हैं तो एम्स दिल्ली मर्यादा पुरूषोत्तम राम के स्वागत के लिए समय निकाल रहा है। आश्चर्य है,क्या भगवान राम इस बात से सहमत होंगे कि उनके स्वागत के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया जाए। हे राम, हे राम!”
Hello humans
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 20, 2024
Please don’t go into a medical emergency on 22nd , and if you do schedule it for post 2pm since AIIMS Delhi is taking time off to welcome Maryada Purushottam Ram
PS: However, wonder if Lord Ram would agree that health services are disrupted to welcome him.
Hey… pic.twitter.com/efNjX9B0VO
वहीं तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने एक्स पर दावा किया कि “वास्तव में लोग अपने नंबर के इंतजार में एम्स के गेट पर ठंड में बाहर सो रहे हैं। गरीब और मरने वाले लोग इंतजार कर सकते हैं क्योंकि कैमरे और पीआर के लिए मोदी की हताशा को प्राथमिकता दी गई है।"
शिवसेना यूबीटी और तृणमूल के अलावा कांग्रेस की ओर से भी इस मामले में बेहद तीखी प्रतिक्रिया आयी है। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी इस फैसले पर विरोध जताते हुए एक्स पर लिखा, "यह विश्वास से परे है कि मरीजों की जान खतरे में डाला जा रही है, वो भी सिर्फ इसलिए कि नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक कार्यक्रम की निर्बाध कवरेज चाहते हैं।"
मालूम हो कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से जारी किये गये नोटिस के अनुसार केंद्र सरकार ने 22 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन की छुट्टी घोषित की है।
एम्स की ओर से कहा गया है, “सभी कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि एम्स 22 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन बंद रहेगा। सभी केंद्र प्रमुखों, विभागाध्यक्षों, इकाइयों और शाखा अधिकारियों से अनुरोध है कि वे इसकी जानकारी सभी कर्मचारियों को दें। हालांकि सभी महत्वपूर्ण दैनिक सेवाएं चालू रहेंगी।''
वहीं राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ओर से कहा गया है कि उसकी ओपीडी, लैब सेवाएं और नियमित सेवाएं अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के दिन दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेंगी। हालांकि महत्वपूर्ण और आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।