देश के मशहूर वकील राम जेठमलानी का दिल्ली स्थित उनके आवास में निधन हो गया है। वो 95 वर्ष के थे। जेठमलानी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और पिछले साल ही वकालत से संन्यास लिया था। संन्यास लेने से पहले उनका शुमार भारत के सबसे महंगे वकीलों में होता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जेठमलानी के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि जेठमलानी को आपातकाल के काले दिनों के दौरान, सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए उनकी लड़ाई को हमेशा याद किया जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था।
जेठमलानी के निधन पर गृह मंत्री अमित शाह और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू उनके निवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने परिवार से मुलाकात कर सांत्वना प्रकट किया।
77 सालों तक वकालत करने वाले जेठमलानी देश के सबसे महंगे और दिग्गज वकीलों में शुमार रहे हैं। सिर्फ 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास करने वाले और 17 साल की उम्र में वकालत शुरू करने वाले जेठमलानी इंदिरा गांधी के हत्यारों से लेकर बलात्कार के दोषी आसाराम का केस लड़ चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश की अधिकतम उम्र 65 साल हो सकती है, जबकि राम जेठमलानी का वकालत का अनुभव ही लगभग 77 साल है। 1940 में अपना पहला केस लड़ने वाले जेठमलानी ने 2017 में वकालतनामा को अलविदा कह दिया था।
भारत के सबसे महंगे वकीलों में शुमार जेठमलानी एक केस के लिए 25 लाख रुपये तक लेते थे। राम जेठमलानी सबसे पहले 1959 के केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार मामले से चर्चा में आए थे। जेठमलानी को तो इस केस ने राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया। इसके बाद उन्होंने भारतीय वकालत के इतिहास में बहुत से विवादित केस लड़े।