सोशल मीडिया, इमरजेंसी 112 नंबर पर आने वाली फोन काल और मीडिया से प्राप्त सूचनाओं पर नजर रखने के लिये उप्र पुलिस के 112 मुख्यालय पर इमरजेंसी आपरेशन सेंटर बनाया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने पत्रकारों को बताया कि ''इमरजेंसी आपरेशन सेंटर पुलिस के 112 मुख्यालय में बनाया गया है। यहां जोन वार डेस्क बनाये गये है जो 112 की काल्स, सोशल मीडिया, मीडिया से प्राप्त सूचनाओं पर नजर रख रहे हैं। अगर कही जरूरत पड़ी तो पीआरवी, क्यूआरटी, पीएएसी आदि बल भेजे जाने के निर्देश दिये जायेंगे।''
उन्होंने बताया कि इस सेंटर पर फायर, अभिसूचना, सीआरपीएफ, जीआरपी, आरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी तथा सीआईएसएफ के प्रतिनिधि भी मौजूद है। यहां पर मोबाइल डाटा टर्मिनल, रेडियो, इन्टरनेट, सैटेलाइट फोन, हाई फ्रीकेंवसी रेडियो जैसी संचार सुविधायें मौजूद है।
यह इमरजेंसी सेंटर 24 घंटे चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह तथा अन्य अधिकारियों के साथ इस सेंटर का निरीक्षण किया और हर तैयारी को नजदीकी से देखा।
अयोध्या में कड़ी सुरक्षा, उप्र के सभी जिलों में बनाई गई अस्थायी जेल
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय की ओर से शनिवार सुबह सुनाए जाने वाले फैसले के मद्देनजर अयोध्या और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में विशेष सतर्कता बरत रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में अस्थायी जेल बनाई है जबकि कुछ स्थानों पर इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है ताकि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें ना फैलाईं जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री और राज्य सरकार के बीच नियमित संवाद जारी है और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 4,000 जवान उत्तर प्रदेश में तैनात किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर 670 लोगों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित की जा सकती हैं। अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं राज्य के हर जिले में अस्थायी जेल बनाए गए हैं।
राज्य सरकार ने 31 जिलों को संवेदनशील बताया है। पूरे उत्तर प्रदेश में पहले ही सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध है। अयोध्या पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां यह विवादित ढांचा बना है। सुरक्षा की विभिन्न श्रेणी बनाई गई है और हर एक आंगुतक की जांच की जा रही है।