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राकेश टिकैत बोले, जमीन व किसानी बचाने के लिए लुटेरों के खिलाफ लड़ाई लड़नी ही होगी

By अनुराग आनंद | Updated: February 25, 2021 07:49 IST

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों के बजाय व्यपारियों को फायदा देना चाहती है। देश के किसान ने मन बना लिया है कि कृषि कानूनों के नाम पर व्यापारियों को फायदा नहीं होने दिया जायेगा।

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ठळक मुद्देराकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री मन की बात करते हैं लेकिन किसानों का हित उन्हें याद नहीं आता है। राकेश टिकैत ने साथ ही कहा कि सरकार किसानों को इसी तरह नजरअंदाज करती रही तो दिल्ली कूच करेंगे।

आगरा उत्तर प्रदेश के आगरा के किरावली में मौनी बाबा आश्रम स्थित मिनी स्टेडियम में बुधवार को आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि किसानों को जमीन और किसानी पेशा को बचानी है तो उन्हें देश के लुटेरों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।

टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के बजाय व्यापारियों को फायदा देना चाह रही है। किसानों ने अब मन बना लिया है कि कृषि कानूनों के नाम पर व्यापारियों को फायदा नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मन की बात करते हैं लेकिन किसानों का हित उन्हें याद नहीं आता है। 

राकेश टिकैत का ऐलान, 40 लाख ट्रैक्टर संसद घेराव के लिए दिल्ली कूच करेंगे

इससे पहले राकेश टिकैत मे सीकर में किसानों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली की ओर मार्च करने की घोषणा के बाद चार लाख ट्रैक्टरों के बजाय 40 लाख ट्रैक्टर संसद घेराव के लिए दिल्ली कूच करेंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों से 'दिल्ली मार्च' के लिए तैयार रहने का भी आग्रह किया।

टिकैत ने कहा कि इसके लिए किसी भी समय संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐलान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संसद के घेराव की तारीख संयुक्त मोर्चा के नेताओं द्वारा तय की जाएगी।

राकेश टिकैत बोले, सरकार किसानों को मजबूर न करे, किसानों से बात करे-

किसान नेता ने कहा कि सरकार किसानों को मजबूर न करे, किसानों से बात करे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो किसान इंडिया गेट के पास फसलें उगाएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 26 जनवरी को उनकी ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों की छवि धूमिल करने की साजिश रची गई थी, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा भड़क गई थी। 

उन्होंने कहा कि देश के किसान तिरंगे से प्यार करते हैं, लेकिन इस देश वर्तमान नेताओं से किसानों को अब कोई प्यार नहीं है। बता दें कि किसान अपनी बात को मनवाने के लिए अहिंसक तरह से बीते 3 माह से दिल्ली से सटे कई बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में अब तक 250 से अधिक किसानों की मौत की खबर है।

किसानों ने 23 फरवरी को भगत सिंह शहीदी दिवस पर मनाया पगड़ी संभाल दिवस-

इस बीच किसानों ने 23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस मनाया। इस मौके पर कुंडली बॉर्डर पर शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय संधू अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 23 मार्च तक किसानों की मांगें नहीं मानी तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। 23 मार्च शहीद भगत सिंह का शहीदी दिवस है।

आंदोलनरत किसानों ने मंगलवार को कुंडली बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर पगड़ी संभाल दिवस मनाया। इस दौरान किसानों ने शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह और किसान आंदोलन के पुरातन पुरोधा स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि दी। 

(एजेंसी इनपुट)

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