Rajya Sabha Elections 2024: आप सांसद संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और नारायण दास गुप्ता का कार्यकाल 27 जनवरी को हो रहा समाप्त, 19 जनवरी को 4 सीट पर चुनाव, जानें शेयडूल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 22, 2023 05:09 PM2023-12-22T17:09:33+5:302023-12-22T17:11:01+5:30
Rajya Sabha Elections 2024: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और नारायण दास गुप्ता का छह साल का कार्यकाल अगले साल 27 जनवरी को, जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिशे लाचुंगपा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है।
Rajya Sabha Elections 2024: निर्वाचन आयोग ने दिल्ली की तीन और सिक्किम की एक राज्यसभा सीट के लिये 19 जनवरी को चुनाव कराने की शुक्रवार को घोषणा की।
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और नारायण दास गुप्ता का छह साल का कार्यकाल अगले साल 27 जनवरी को, जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिशे लाचुंगपा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। सिंह दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में हैं।
वह सदन में अमर्यादित व्यवहार के लिए 24 जुलाई से राज्यसभा से निलंबित हैं। निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि चार रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव 19 जनवरी (शुक्रवार) को होगा। अधिसूचना जारी होने के साथ ही दो जनवरी को नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और नौ जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि होगी।
स्थापित परंपरा के अनुसार, मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा और मतगणना शाम 5 बजे से शुरू होगी। आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को राज्यसभा में तीन सीट आवंटित की गई हैं। आयोग ने कहा कि दिल्ली से राज्यसभा की तीन रिक्तियों को संबंधित कानून के अनुसार तीन अलग-अलग चुनाव कराकर भरा जा रहा है, क्योंकि इन तीन रिक्तियों में से प्रत्येक तीन अलग-अलग चक्रों के तहत आती है, जो 1952 में राज्यसभा के प्रारंभिक गठन के समय निर्धारित की गई थीं।
आयोग ने कहा कि तीन अलग-अलग चुनाव कराने के आयोग के फैसले को 1994 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से ए के वालिया बनाम भारत संघ और अन्य मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि सभी तीन रिक्तियों को एक आम चुनाव आयोजित करके भरा जाना चाहिए क्योंकि राज्यसभा के चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत होते हैं। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया था।