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दिल्लीः बदल जाएगा ऐतिहासिक राजपथ का नाम, अब कहिएगा ‘कर्तव्यपथ’, जानें सबकुछ

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 5, 2022 21:35 IST

Rajpath: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के केंद्र में स्थित राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है।

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ठळक मुद्देपीएम आवास स्थित है, उसका नाम रेसकोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश काल की याद दिलाने वाले नामों और प्रतीकों को हटाने का फैसला किया है। सात सितंबर को एनडीएमसी ने नाम बदलने के लिए विशेष बैठक बुलाई है।

नई दिल्लीः सरकार ने दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ करने की योजना बनाई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के पूरे हिस्से को अब कर्तव्य पथ के रूप में जाना जाएगा। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आठ सितंबर की शाम को पूरे क्षेत्र का उद्घाटन करेंगे, जिसका सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत पुनरुद्धार किया गया है। सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने के संबंध में सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है और प्रस्ताव को परिषद के समक्ष रखा जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा।’’ ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में औपनिवेशिक सोच दर्शाने वाले प्रतीकों को समाप्त करने पर जोर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2047 तक अगले 25 वर्ष में सभी लोगों के अपने कर्तव्य निभाने के महत्व पर जोर दिया है और ‘कर्तव्यपथ’ नाम में इस भावना को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इससे पहले भी अनेक मार्गों के नाम बदलकर जन-केंद्रित नाम रखे।

साल 2015 में रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया गया, जहां प्रधानमंत्री आवास है। साल 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया। साल 2017 में डलहौजी रोड का नाम दाराशिकोह रोड कर दिया गया। अकबर रोड का नाम बदलने के भी अनेक प्रस्ताव आये हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंग्र मोदी ने औपनिवेशिक मानसिकता से जुड़े प्रतीकों को खत्म करने पर जोर दिया था। नौसेना ने पिछले हफ्ते देश के पहले होममेड एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लॉन्च के दौरान अपना पताका बदल दिया था।

इससे पहले जिस सड़क पर पीएम आवास स्थित है, उसका नाम रेसकोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश काल की याद दिलाने वाले नामों और प्रतीकों को हटाने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि सात सितंबर को एनडीएमसी ने नाम बदलने के लिए विशेष बैठक बुलाई है।

भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला और इसके साथ ही इसने औपनिवेशक पहचान को त्याग दिया। ब्रिटश शासन से लेकर गणराज्य के प्रतीक तक यह झंडा सदियों में विकसित हुआ है। यह ध्वज अनिवार्य रूप से एक विशेष डिजाइन वाला झंडा होता है जो जहाजों या नौसैन्य बल की पहचान और राष्ट्रीयता को दर्शाता है, खासकर गहरे समुद्र में।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ के जलावतरण समारोह में नए ध्वज का अनावरण किया। मोदी ने भारतीय नौसेना के नए निशान (ध्वज) का अनावरण करते हुए कहा कि भारत ने औपनिवेशिक अतीत को त्याग दिया है।

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