राजीव गांधी हत्याकांड: केन्द्र ने अदालत से कहा, राज्यपाल को दया याचिका पर फैसला लेने का विवेकाधिकर

By भाषा | Published: February 8, 2020 02:29 AM2020-02-08T02:29:59+5:302020-02-08T02:29:59+5:30

केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि तमिलनाडु के राज्यपाल के पास संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पेरारिवलन की लंबित दया याचिका पर फैसला लेने का विवेकाधिकार है।

Rajiv Gandhi assassination: Center tells court, Governor has discretion to decide on mercy petition | राजीव गांधी हत्याकांड: केन्द्र ने अदालत से कहा, राज्यपाल को दया याचिका पर फैसला लेने का विवेकाधिकर

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी। (फाइल फोटो)

केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि तमिलनाडु के राज्यपाल के पास संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पेरारिवलन की लंबित दया याचिका पर फैसला लेने का विवेकाधिकार है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने प्रत्युत्तर में कहा कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे सात दोषियों में से चार, नलिनी, संथन, मुरुगन और अरिवू ने अनुच्छेद 161 (कुछ मामलों में राज्यपाल द्वारा सजा माफ करने, रोक लगाने, कम करने या बदलने की शक्ति) के तहत राज्यपाल के समक्ष दया याचिका दायर की है।

प्रत्युत्तर में कहा गया है कि राज्यपाल ने नलिनी के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में परिवर्तित कर दिया था जबकि तीन अन्य की याचिका को खारिज कर दिया था। इसने कहा कि शेष तीनों ने अपनी याचिका खारिज करने के फैसले को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, बाद में मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी 2014 को तीनों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। 

Web Title: Rajiv Gandhi assassination: Center tells court, Governor has discretion to decide on mercy petition

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