राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सजा काट रही नलिनी को कोर्ट से मिली 30 दिन की पैरोल
By स्वाति सिंह | Published: July 5, 2019 03:24 PM2019-07-05T15:24:54+5:302019-07-05T15:27:23+5:30
राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी को शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी सजा उम्र कैद में बदल दी थी।
मद्रास हाईकोर्ट से राजीव गांधी हत्याकांड मामले में की आरोपी नलिनी श्रीहरन को 30 दिन की पैरोल मिली है। इससे पहले बीते हफ्ते मद्रास हाई कोर्ट ने नलिनी को छुट्टी की याचिका पर दलील रखने के लिए पांच जुलाई को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने की अनुमति दे दी थी।
नलिनी ने अपनी बेटी की शादी का इंतजाम करने के लिए छह महीने की सामान्य छुट्टी मांगी थी। करीब 27 साल से जेल में बंद नलिनी ने अदालत से वेल्लोर में महिलाओं के विशेष कारागार के अधीक्षक को उसे अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था ताकि वह व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रख सकें।
अदालत ने 11 जून को कहा था कि याचिका पर दलील रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने के नलिनी के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता। नलिनी के मुताबिक उम्रकैद की सजा पाने वाला व्यक्ति दो साल में एक बार एक महीने की छुट्टी पाने का हकदार होता है और चूंकि उसने 27 साल से भी अधिक समय से ऐसी सामान्य छुट्टी नहीं ली है, इसलिए उसने 25 फरवरी को जेल के अधिकारियों से छह माह की छुट्टी देने का निवेदन किया था ताकि वह अपनी बेटी की शादी के लिए इंतजाम कर सके।
इसके बाद नलिनी की मां ने भी 22 मार्च को इसी प्रकार का निवेदन किया था। अधिकारियों ने उनके निवेदन पर विचार नहीं किया जिसके बाद नलिनी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी को शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी सजा उम्र कैद में बदल दी थी।
नलिनी ने दावा किया है कि उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील किये जाने के बाद से आजीवन कारावास की सजा पाये ऐसे करीब 3,700 कैदियों को तमिलनाडु सरकार रिहा कर चुकी है जो दस साल या इससे कम समय जेल में गुजार चुके हैं।