राजस्थान की गहलोत सरकार ने 'अग्निपथ' योजना को वापस लेने के लिए पारित किया प्रस्ताव
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 18, 2022 10:26 PM2022-06-18T22:26:54+5:302022-06-18T22:33:05+5:30
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा युवाओं के लिए सेना में लागू की गई नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ देशव्यापी विरोध पर चिंता व्यक्त की।
जयपुर:राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र सरकार द्वारा युवाओं के लिए सेना में लागू की गई नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' को वापस लेने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक गहलोत मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ है। केंद्र ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायु सेना में साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती के लिए योजना का शुभारंभ किया है, जो मोटे तौर पर चार साल के अल्पकालिक अनुबंधों पर आधारित है।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के इस योजना का राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में लोग विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना के खिलाफ देशव्यापी विरोध पर चिंता व्यक्त की।
राजस्थान सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, "केंद्र सरकार की इस योजना के विरोध में देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसका सीधा अर्थ है कि देश के युवा इस योजना को लेकर भारी संदेह में हैं।"
इसके साथ ही विज्ञप्ति में कहा गया है, "रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सेना में नियमित भर्ती होनी चाहिए ताकि सैनिकों और उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके। इसलिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को यह सुझाव दे रही है कि इस योजना को लागू करने से पहले केंद्र को इससे संबंधित सभी हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा करनी चाहिए थी।"
राजस्थान सरकार के इस फैसले के बीच भाजपा के पूर्व सहयोगी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी शनिवार को घोषणा की कि वो इस योजना के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।
बेनिवाल ने कहा कि आगामी 27 जून को वो इस आंदोलन के आयोजन के लिए जोधपुर में बड़ी रैली करेंगे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अगर जरूरत पड़ी तो हम युवाओं के विरूद्ध लागू की गई इस योजना के खिलाफ सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली भी जाएंगे।"
केंद्र से योजना के तत्काल वापसी के लिए बेनीवाल ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी का फैसला युवाओं के खिलाफ है और अगर समय रहते इसे वापस नहीं लिया गया तो इसका देश पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।"
नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पहले केंद्र सरकार किसान विरोधी कानून लाई और किसानों के दबाव में उसे झुकना पड़ा था।
बेनीवाल ने कहा, "किसानों के बाद अब सरकार इस देश के 'जवानों' को निशाना बना रही है, जो रक्षा बलों में शामिल होने की इच्छा रखते हैं।"
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस योजना के जरिये सेना में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाहती है। इस समस्या का समाधान हिंसा नहीं है, इसलिए युवाओं को हिंसा में शामिल न होकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
मालूम हो कि जयपुर, जोधपुर और झुंझुनू सहित राजस्थान में सैकड़ों युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और अलवर में जयपुर-दिल्ली हाईवे को कुछ देर के लिए जाम कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने कहा कि युवकों ने बहरोड़ में राजमार्ग को करीब 15 मिनट तक जाम कर दिया। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने झुंझुनू में भी सड़क और रेलवे ट्रैक को जाम करने की कोशिश की। इसके अलावा जोधपुर और जयपुर में विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)