राजस्थानः परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट पर केंद्र सरकार को घेरा
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: September 5, 2019 19:52 IST2019-09-05T19:52:03+5:302019-09-05T19:52:03+5:30
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का मानना है कि किसी व्यक्ति से अगर बिना हेलमेट के एक हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाता है, तो उसे हेलमेट फ्री में दिया जा सकता है, ताकि आगे से वह बिना हेलमेट के वाहन नहीं चलाएगा. इससे लोग सड़क सुरक्षा के प्रति जागृत होंगे और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.

राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास। (फाइल फोटो)
हर साल डेढ़ लाख लोगों की दुर्घटना में मौत हो रही है, जिनमें 70 प्रतिशत मौतें हाईवे पर हो रही हैं, लेकिन हाईवे पर मौतें रोकने के लिए केंद्र सरकार का कोई प्लान नहीं है. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाइवे टोल कंपनियों पर निर्भर करते हैं. टोल कंपनियों के पास एंबुलेंस, क्रेन तक नहीं हैं. कट बंद नहीं होने से मौतें हो रही हैं. इन पर लगाम का भी प्रावधान होना चाहिए.
इधर, संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं तथा जुर्माना राशि कम करने के बारे में विचार-विमर्श जारी हैं.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का मानना है कि किसी व्यक्ति से अगर बिना हेलमेट के एक हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाता है, तो उसे हेलमेट फ्री में दिया जा सकता है, ताकि आगे से वह बिना हेलमेट के वाहन नहीं चलाएगा. इससे लोग सड़क सुरक्षा के प्रति जागृत होंगे और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
लोगों की यह राय भी है कि जुर्माना राशि में कमी तो की ही जाए, उस राशि से जो कमी है, उसका शुल्क भी एडजस्ट किया जाए, जैसे यदि कोई बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के पकड़ा जाता है तो उसका तत्काल लर्निंग लाइसेंस बना दिया जाए.
इसी तरह, किसी भी गलती के लिए पहली बार पकड़े जाने पर उसे जरूरी सलाह और कानूनी जानकारी देकर छोड़ा जाए. जैसे इंश्योरेंस नहीं है तो चालक का नाम और मोबाइल नंबर लेकर उसकी पहली गलती दर्ज की जाए और निर्धारित समय में कमी दूर करके विभाग को सूचित करने के लिए बाध्य किया जाए. यदि वह उस कमी को निर्धारित समय में पूरा नहीं करता है तो उससे जुर्माना वसूला जाए.