राजस्थान को पर्यटन के क्षेत्र में दो राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार, लेकिन...
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 25, 2019 05:34 PM2019-08-25T17:34:17+5:302019-08-25T17:34:46+5:30
नई दिल्ली में आयोजित फिक्की ट्रैवल्स एंड टूरिज्म एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019 समारोह में राजस्थान को बेस्ट टूरिज्म मार्केटिंग कैम्पेन और बेस्ट फेयर एंड फेस्टिवल्स डेस्टिनेशन के अवार्ड प्रदान किए गए.
कला-संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के लिए विशेष पहचान रखने वाले राजस्थान को पर्यटन के क्षेत्र में दो राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं. नई दिल्ली में आयोजित फिक्की ट्रैवल्स एंड टूरिज्म एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019 समारोह में राजस्थान को बेस्ट टूरिज्म मार्केटिंग कैम्पेन और बेस्ट फेयर एंड फेस्टिवल्स डेस्टिनेशन के अवार्ड प्रदान किए गए.
इस समारोह में ओडिशा के पर्यटन मंत्री ज्योतिप्रकाश पाणीग्रही एवं पूर्व पर्यटन सचिव भारत सरकार विनोद जुत्सी ने ये पुरस्कार प्रदान किये. राजस्थान की ओर से पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक संजय पाण्डे और पर्यटन सूचना केंद्र दिल्ली की सहायक निदेशक सुश्री सुनिता मीणा ने ये पुरस्कार ग्रहण किये.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पयर्टन विकास की बेहतर संभावनाएं हैं, लेकिन कुछ जरूरतों पर ध्यान दिया जाए और केन्द्र सरकार आवश्यक सहयोग प्रदान करे तभी यहां पर्यटक संख्या तेजी से बढ़ सकती है.
राजस्थान में रेल, सड़क और हवाई सेवाएं तो अपर्याप्त हैं ही, कुछ और समस्याएं भी हैं, जिनका जिक्र कुछ समय पहले दिल्ली में ही संपन्न हुए राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन में राजस्थान के पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने किया था.
उन्होने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा था कि राजस्थान में पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए केंद्रीय सहयोग अति आवश्यक है. राजस्थान के वाइल्डलाइफ पर्यटन सर्किट के साथ-साथ दो अन्य प्रोजेक्ट डेजर्ट सर्किट और इको एडवेंचर सर्किट का परीक्षण करवाकर जल्दी स्वीकृति प्रदान की जावे, ताकि पर्यटकों को बेहतर अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें.
उन्होंने दिल्ली के करीब गोल्डन ट्रायंगल के नजदीक डीग- भरतपुर- कुम्हेर सर्किट को भी स्वीकृति के लिए विचार करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए एक ओपन आर्ट गैलरी को सर्किट के रूप में विकसित किया जाए ताकि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके.
पर्यटन विकास के लिए सबसे बड़ा मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा था कि राजस्थान में पर्यटन से जुड़ी काफी योजनाओं के कार्यान्वयन में फॉरेस्ट लैंड पर स्वीकृतियों की समस्याएं आ रही हैं. इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय से आग्रह किया था कि राजस्थान में पर्यटन साइटों के पूर्ण विकास हेतु फॉरेस्ट लैंड से जुड़े हुए तमाम मुद्दों को जल्दी-से-जल्दी सुलझाने में सहयोग किया जाए ताकि राजस्थान में नेचुरल पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके.
याद रहे, पर्यटन के नजरिए से राजस्थान का देश-विदेश में अच्छा खासा आकर्षण है, लेकिन पर्यटन विकास के लिए जरूरी सहयोग और सुविधाओं पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए बहुत कम पर्यटक ही संपूर्ण राजस्थान दर्शन की चाहत पूरी कर पाते हैं!