लाइव न्यूज़ :

राजस्थानः सबसे पहले सुधर सकती है उदयपुर संभाग की राजनीतिक गणित

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: December 23, 2018 14:38 IST

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उदयपुर संभाग में भाजपा ने करीब ढाई दर्जन सीटों में से ज्यादातर सीटें जीत ली थी, लेकिन इस बार उसकी करीब आधी, पन्द्रह सीटें ही बचीं हैं।

Open in App

राजस्थान में चुनाव के बाद उदयपुर संभाग ऐसा क्षेत्र है जहां न तो कांग्रेस को उम्मीद के अनुसार कामयाबी मिली और न ही आशंका के अनुरूप भाजपा नाकामयाब रही, लिहाजा दोनों ही दलों के लिए यह ऐसा संभाग है जहां लोकसभा चुनाव आने तक राजनीतिक गणित को सुधारा जा सकता है।

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उदयपुर संभाग में भाजपा ने करीब ढाई दर्जन सीटों में से ज्यादातर सीटें जीत ली थी, लेकिन इस बार उसकी करीब आधी, पन्द्रह सीटें ही बचीं हैं। उधर कांग्रेस के पास भी एक ही सीट थी, जबकि इस बार दस सीटें मिलीं हैं। 

इस क्षेत्र में भाजपा की हार के बड़े कारण अपनों का ही विरोध और बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी रहे हैं तो बीटीपी की प्रभावी उपस्थिति ने कांग्रेस का विजय रथ रोक दिया है। यदि भाजपा, बागी और रूठे हुए भाजपाइयों को मनाने में कामयाब रहती है तो लोकसभा चुनाव में उसकी जीत की गणित सुधर सकती है, जबकि कांग्रेस अपने प्रभावी नेताओं को सक्रिय कर सकती है तो ही उसे इसे इस क्षेत्र में कामयाबी मिलेगी।

उदयपुर में जहां अपनों के विरोध के कारण पूर्व गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया की जीत आसान नहीं रही तो कांग्रेस में सक्रियता के अभाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा और गिरिजा व्यास करीब नौ हजार वोट से चुनाव हार गई। बांसवाड़ा से पूर्व मंत्री धनसिंह रावत का तो सागवाड़ा से पूर्व विधायक अनिता कटारा का टिकट काट दिया गया, इन्होंने बतौर बागी उम्मीदवार चुनाव लड़ा, जिसके नतीजे में ये सीटें भाजपा के हाथ से निकल गई।

पिछले विस चुनाव में भाजपा से अलग हो कर जनता सेना के प्रमुख रणधीर सिंह भींडर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। उन्हें पूर्व सीएम राजे ने भाजपा से जोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन बात बनी नहीं। इस बार वे वल्लभनगर से जनता सेना की ओर से चुनाव लड़े, परन्तु इस बार कांग्रेस से हार गए, भाजपा तीसरे नंबर पर रही। भाजपा उन्हें साथ लेना चाहती है, किन्तु वे अपनी जनता सेना को ही मजबूत करना चाहते हैं।

सियासी सारांश यह है कि उदयपुर संभाग में आज के विस चुनाव नतीजों के सापेक्ष लोकसभा चुनाव के परिणामों का अंदाज लगाना इसलिए मुश्किल है कि कांग्रेस-भाजपा की कोशिशें यहां के नतीजे बदल सकतीं हैं। 

टॅग्स :लोकसभा चुनावराजस्थानभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्ट20 साल की नर्सिंग छात्रा की गला रेतकर हत्या, पिता ने कहा-महेंद्रगढ़ के उपेंद्र कुमार ने बेटी का अपहरण कर किया दुष्कर्म और लाडो को मार डाला

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत