राजस्थान: एकेडमिक ईयर 22-23 से स्कूलों में लागू होगा नो बैग डे, नहीं होगी इस दिन कोई पढ़ाई, बच्चे करें खेल कूद, लेंगे अन्य गतिविधियां में हिस्सा
By आजाद खान | Published: July 21, 2022 01:30 PM2022-07-21T13:30:02+5:302022-07-21T13:35:06+5:30
आपको बता दें कि देश के दूसरे राज्यों में पहले से शनिवार को नो बैग डे की योजना चलाई जाती है। ऐसे में इसी तरज पर अब इसे राजस्थान में भी लागू किया जा रहा है।
जयपुर:राजस्थान सरकार ने कहा है कि एकेडमिक ईयर 22-23 से राज्य के सभी स्कलों में हफ्ते में केवल पांच दिन ही पढ़ाई होगी। राज्य में बच्चे केवल सोमवार से शुक्रवार ही स्कूल में बैग लेकर पढ़ने आएंगे, वहीं शनिवार को उन्हें खेल कूद व अन्य गतिविधियां करने का मौका दिया जाएगा।
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने इसकी पुरी तैयारी कर ली है और यह एकेडमिक ईयर 22-23 से लागू हो जाएगा। हफ्ते के इस दिन को नो बैग डे के रुप में मनाया जाएगा जो पहले से कई राज्यों में लागू है।
क्या है नो बैग डे
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा एक कैलेंडर के जरिए नो बैग डे के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। विभाग के अनुसार, अब शनिवार को बच्चों को स्कूल बैग लेकर आना नहीं होगा, इस दिन बच्चे स्कूल तो आएगें लेकिन वे बैग लेकर नहीं आएंगे।
इस दिन स्कूल में केवल खेलकूद गतिविधियां सहित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं और उत्सव आदि मनाएं जाएंगे। नो बैग डे पहले से ही कई राज्यों में चल रहा है, ऐसे में इसे राजस्थान में भी लागू करने की योजना बन गई है।
हर शनिवार को होगा कुछ नया
शिक्षा विभाग की अगर माने तो हर शनिवार को क्या होगा, इसके बारे में पहले से ही कैलेंडर के जरिए सूचना दे दी है। कैलेंडर के अनुसार ही स्कूल में अलग-अलग कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएंगा।
कैलेंडर के मुताबिक, महीने के पहले शनिवार को बच्चों को राजस्थान से जुड़ी जानकारियों वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। वहीं दूसरे शनिवार को 'खेलेगा राजस्थान तो बढ़ेगा राजस्थान' की थीम पर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इस थीम के तहत बच्चों को सतोलिया, कबड्डी, कुश्ती जैसे स्थानीय खेलों पर ध्यान दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने बताया कि महीने के तीसरे शनिवार को 'मैं वैज्ञानिक बनूंगा' के थीम से जुड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इसके साथ चौथे शनिवार को 'बाल सभा मेरे अपनों के साथ परिवार और परिजनों के साथ' व्यवहार और समय व्यतीत करने जैसी प्रतियोगिताओं के आयोजन भी होंगे।
बदले गए हैं कक्षाओं का नाम
इस पर बात करते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी तेज कंवर ने बताया कि इस दिन यानी महीने के हर शनिवार को सभी कक्षाओं के नाम बदले भी जाएंगे। इसके तहत पहली और दूसरी क्लास के बच्चों के ग्रुप को अंकुर नाम दिया जाएगा।
तीसरी से पांचवी तक के बच्चों को-प्रवेश
छठी से आठवीं तक के छात्रों को-दिशा
9 वीं तथा 10 वीं के विद्यार्थीयों के समूह को-क्षितिज
ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों को-उन्नति
शनिवार को मनाई जाएगी उत्सव और जयंती
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को उत्सव और जयंती भी मनाई जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि सोमवार से शुक्रवार के बीच पड़ने वाले उत्सव और जयंती को उस दिन नहीं मना कर उसे केवल शनिवार को ही मनाया जाएगा।