राजस्थान में सियासी घमासान के बीच गहलोत के गुट के विधायक बाबूलाल बैरवा की बिगड़ी तबीयत, SMS अस्पताल में कराया गया भर्ती
By रामदीप मिश्रा | Published: July 24, 2020 10:39 AM2020-07-24T10:39:36+5:302020-07-24T10:54:03+5:30
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के कांग्रेस विधायक जयपुर के होटल फेयरमाउंट में ठहरे हुए हैं। यहीं बाबूलाल बैरवा भी मौजूद थे। कांग्रेस के विधायक आज आने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
जयपुरः राजस्थान में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के कांग्रेस विधायक जयपुर के होटल फेयरमाउंट में ठहरे हुए हैं। इनमें से कठूमर विधायक बाबूलाल बैरवा की शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें राजधानी के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा को होटल फेयरमाउंट से SMS अस्पताल ले जाया गया है। उन्हें अस्पताल के आईसीयू में बेड नंबर दो पर भर्ती करवाया गया है। फिलहाल चिकित्सक सांस लेने में दिक्कत बता रहे हैं। इसके अलावा बैरवा का कोरोना सैंपल लिया गया है।
Rajasthan: Kathumar MLA Babulal Bairwa has been admitted to Sawai Man Singh Hospital in Jaipur, after he complained of breathing problem. He is one of the Congress MLAs who are staying at Fairmont Hotel. (File pic) pic.twitter.com/mLOXZW2tpB
— ANI (@ANI) July 24, 2020
आपको बता दें, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के कांग्रेस विधायक जयपुर के होटल फेयरमाउंट में ठहरे हुए हैं। यहीं बाबूलाल बैरवा भी मौजूद थे। कांग्रेस के विधायक आज आने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट को फैसला सुनाने की अनुमति देने के बाद गुरुवार को कहा कि वह विधानसभा के पटल पर किसी भी समय बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं क्योंकि उसके पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद है।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह भी कहा कि अगर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों को किसी तरह की शिकायत थी तो वो पार्टी के मंच पर बात कर सकते थे, लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि हालिया घटनाक्रम के पीछे बीजेपी का हाथ है।
राजस्थान में बहुमत का जादुई आंकड़ा
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट नाराज चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 विधायक हैं। यदि 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो राज्य विधानसभा की मौजूदा प्रभावी संख्या घटकर 181 हो जाएगी, जिससे बहुमत का जादुई आंकड़ा 91 पर पहुंच जाएगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बहुमत कायम रखना आसान होगा।