राजस्थान : जाट और मुस्लिम समाज भी अब आरक्षण को लेकर महापंचायत करेगा

By भाषा | Published: November 10, 2020 07:34 PM2020-11-10T19:34:41+5:302020-11-10T19:34:41+5:30

Rajasthan: Jat and Muslim society will also hold mahapanchayat regarding reservation | राजस्थान : जाट और मुस्लिम समाज भी अब आरक्षण को लेकर महापंचायत करेगा

राजस्थान : जाट और मुस्लिम समाज भी अब आरक्षण को लेकर महापंचायत करेगा

जयपुर, 10 नवम्बर आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से चल रहे गुर्जर समाज के आंदोलन के बीच राजस्थान में अब जाट और मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अपने लिए कोटा की मांग को लेकर आवाज बुलंद करने का फैसला किया है।

भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट समाज के नेताओं ने अलग-अलग स्थानों पर महापंचायत करने का निर्णय लिया है। इस तरह की पहली महापंचायत 18 नवम्बर को भरतपुर के पाथेना गांव में होनी तय है।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया, ‘‘हम 18 नवम्बर से अलग-अलग स्थानों पर महापंचायत करेंगे और निर्णय लेंगे। यदि सरकार हमें आंदोलन के जरिये ही सुनना चाहती है तो हम महापंचायत के निर्णय के बाद चक्का जाम करेंगे।’’

उन्होंने बताया कि इन दो जिलों के जाट समाज के लोग बैकलॉग भर्तियों की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि राज्य सरकार से भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने के मामले को केन्द्र सरकार के पास भेजने को कह रहे हैं। उन्होंने आरक्षण आंदोलन के दौरान समाज के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग की।

गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों को मार्च 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय ओबीसी सूची से बाहर कर दिया गया था। उसी वर्ष अगस्त में उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उन्हें राज्य ओबीसी सूची से भी बाहर कर दिया गया। 2017 में, वसुंधरा राजे तीन भाजपा की तत्कालीन सरकार ने राज्य ओबीसी सूची के तहत इन दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण दिया था।

मुस्लिम अल्पसंख्यक विकास समिति (एमएमडीसी) ने भी पिछड़ी मुस्लिम जातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है और इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है।

एमएमडीसी के महासचिव यूनुस अली खान ने बताया कि मुस्लिम ओबीसी की स्थिति शिक्षा और सामाजिक पिछड़ेपन में अन्य ओबीसी जातियों की तुलना में खराब है। कर्नाटक की तर्ज पर राज्य में शिक्षा और सेवाओं में मुस्लिम ओबीसी को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए।

वहीं दूसरी ओर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की अगुवाई में गुर्जर समाज के लोगों ने मंगलवार को 10 वें दिन भी आंदोलन जारी रखा। इन्होंने पीलूपुरा में दिल्ली-मुम्बई रेल मार्ग और हिंडौन-बयाना सड़क मार्ग अवरुद्ध किया हुआ है।

गुर्जर अपनी छह मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। इनकी मांगों में समझौते और चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार बैकलॉग रिक्तियों को अधिसूचित करना, सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण व आरक्षण को संविधान की नौंवीं अनुसूची में शामिल करवाना शामिल है।

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