नौकरों के नाम पर बेनामी संपत्ति खरीदने के मामलों में राजस्थान देश में अव्वल नम्बर पर है। राजस्थान में आयकर विभाग ने नौकरों, ड्राइवर या उनके रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति खरीदने के 200 से भी अधिक मामले पकडे़ हैं जिनमें संपत्तियों का बाजार भाव डेढ़ हजार करोड़ से भी अधिक आंका गया है।
प्रदेश में उद्योगपतियों और व्यापारियों ने आयकर विभाग की नजरों से बचने के लिए अपने कामधंधों के लिए तो बैंक से लोन ले रखा है, लेकिन संपत्ति नौकरों के नाम करा रखी है। इनमें भी अधिकांश नौकर अनुसूचित जाति या जनजाति के हैं। इसका कारण प्रदेश में एससी-एसटी की जमीनें सिर्फ एससी-एसटी ही खरीद सकते हैं। बेनामी संपत्ति अटेचमेंट के मामले में राजस्थान पूरे देश में नम्बर वन है।
जुलाई माह में भी आयकर विभाग ने 100 करोड़ की 64 बीघा जमीन राजधानी जयपुर की आमेर तहसील में अटैच की है। यह जमीन मुंबई के बडे़ बिल्डर की है और उसने इसे सीकर जिले की दूध बेचने वाली विधवा संजू मीणा के नाम पर खरीद रखी थी और अपने एक खास आदमी के नाम पर पावर ऑफ अटाॅनी करवा ली थी। संजू मीणा का पति इस बिल्डर के ग्रुप में चपरासी था।