राजस्थान ने कोरोना से लड़ने के लिए राष्ट्र को दिये चार आदर्श, इस जंग में सफलता के लिए अब आमजन को निभानी होगी अहम भूमिका

By धीरेंद्र जैन | Published: May 28, 2020 07:23 PM2020-05-28T19:23:22+5:302020-05-28T19:23:22+5:30

राजस्थान सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए उचित दवाओं का चयन किया और एसएमएस के डॉक्टरों ने एचआईवी, स्वाइन फ्लू व मलेरिया दवाओं से मरीजों को स्वस्थ किया बाद में इसी कांबीनेशन को प्रयोग करने के लिए आईसीएमआर ने सभी से कहा था।

Rajasthan has given four ideals to the nation to fight against Corona, | राजस्थान ने कोरोना से लड़ने के लिए राष्ट्र को दिये चार आदर्श, इस जंग में सफलता के लिए अब आमजन को निभानी होगी अहम भूमिका

राजस्थान प्रति दस लाख पर 3984 लोगों की जांच करने वाला देश का पहला राज्य है।

Highlightsराजस्थान ने कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ने के लिए देश को चार उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सराहना कर चुके हैं।

जयपुर: राजस्थान ने कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ने के लिए देश को चार उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। चाहे वह दवाओं के उचित संयोजन का फॉर्मूला हो अथवा प्रदेश में पहले कोरोना हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा में कोरोना पर काबू पाने का आदर्श माॅडल या राजधानी जयपुर का सीमाबंदी मॉडल। भले वह जांचों में तेजी लाने की बात हो अथवा कोरोना की जांच के लिए उपलब्ध कराई गई खराब रैपिड किट के बारे में केंद्र को सटीक जानकारी देने की बात राजस्थान ने हमेशा ही पहल कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। प्रदेश के भीलवाड़ा मॉडल के लिए तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सराहना कर चुके हैं। अब इस अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाने की बारी आमजन की है।

लॉकडाउन के कारण ठप पड़ने लगी आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए छूट का दायरा बढ़ाया गया है। ऐसे में कोरोना पर काबू करने के लिए सिर्फ ये मॉडल ही काफी नहीं हैं, बल्कि हर राजस्थानी को कोरोना को हराने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सबसे बड़ी जिम्मेदारी सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करने की है। प्रवासियों के आने के बाद संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो चिंताजनक है। ऐसे में हमारा चैकन्ना रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस संकट काल में हम नागरिक धर्म निभाकर ही खुद को और दूसरों को कोरोना से बचा सकते हैं।

आज कोरोना से स्वयं को एवं दूसरों को बचाने के लिए ये चार प्रयास किये जाने अनिवार्य हैं - पहला, मास्क पहनें, जिससे सभी संक्रमण से बच सकें। दूसरा, बार बार साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोएं और सेनिटाइजर का प्रयोग करें। तीसरा, दूसरों से कम से कम दो मीटर की दूरी रखें और चैथा वृद्ध, बच्चे और बीपी, शुगर जैसे रोगों से ग्रसित बाहर न निकले, क्योंकि इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से संक्रमण का भय सर्वाधिक है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए उचित दवाओं का चयन किया और एसएमएस के डॉक्टरों ने एचआईवी, स्वाइन फ्लू व मलेरिया दवाओं से मरीजों को स्वस्थ किया बाद में इसी कांबीनेशन को प्रयोग करने के लिए आईसीएमआर ने सभी से कहा था।

राजस्थान प्रति दस लाख पर 3984 लोगों की जांच करने वाला देश का पहला राज्य है। जबकि देश में इतनी ही आबादी पर 2174 सेंपल लिये गये है। भीलवाड़ा-जयपुर आदर्श- भीलवाड़ा सबसे पहले हॉटस्पॉट बना था, लेकिन यहां कोरोना जल्दी काबू में आ गया। केंद्र ने इसे देश के लिए मॉडल बताया। वहीं, जयपुर के रामगंज में 10 हजार बुजुर्गों की निगरानी करके कोरोना को नियंत्रित कर हालात संभाले गये। 

Web Title: Rajasthan has given four ideals to the nation to fight against Corona,

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