सातवें वेतन आयोग के लिए हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर वसुंधरा राजे सरकार का सख्त फैसला, काम नहीं तो वेतन नहीं

By स्वाति सिंह | Published: October 6, 2018 01:53 PM2018-10-06T13:53:20+5:302018-10-06T14:40:54+5:30

बीते 20 दिनों से मंत्रालायिक कर्मचारियों के साथ पंचायती राज, रोडवेज, हाउसिंग बोर्ड, पटवारी, इंजीनियर्स की हड़ताल की वजह से राज्य की तमाम व्‍यवस्‍थाएं चौपट हो गई हैं।

Rajasthan: Government's order on strike of employees, no work no pay | सातवें वेतन आयोग के लिए हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर वसुंधरा राजे सरकार का सख्त फैसला, काम नहीं तो वेतन नहीं

सातवें वेतन आयोग के लिए हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर वसुंधरा राजे सरकार का सख्त फैसला, काम नहीं तो वेतन नहीं

जयपुर, 6 अक्टूबर: सरकार के कार्मिक विभाग ने आदेश में जारी किया है कि राजस्थान सरकार के जो भी कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं वेतन काटा जाएगा। कार्मिक विभाग ने राज्य सरकार की तरफ से दिए आदेश के बाद इसकी घोषणा की है, उन्होंने कहा 'जो कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा। और उसे एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लीव मानकर उनके वेतन में कटौती की जाएगी।  

गौरतलब है कि बीते 20 दिनों से मंत्रालायिक कर्मचारियों के साथ पंचायती राज, रोडवेज, हाउसिंग बोर्ड, पटवारी, इंजीनियर्स की हड़ताल की वजह से राज्य की तमाम व्‍यवस्‍थाएं चौपट हो गई हैं।इसके कारण आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला 

इसपर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा था कि प्रदेश की बीजेपी सरकार की संवेदनहीनता और संवादहीनता का खामियाजा जनता भुगत रही है।

पायलट ने कहा था कि कोई भी कर्मचारी वर्ग सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है और सामूहिक इस्तीफे तक की पेशकश की जा रही है। यह बताता है कि प्रदेश की सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है । भाजपा सरकार में कोई भी ऐसा जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है जो कर्मचारियों से बात कर समन्वय स्थापित करे ।

हडताली रोडवेज कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए पायलट ने कहा था कि सरकारी संवेदनहीनता और संवादहीनता के कारण रोड़वेजकर्मी हड़ताल पर हैं और इससे लगभग 10 लाख यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है । रोडवेज में कार्यरत कर्मियों और सेवानिवृत्त कार्मिकों के खिलाफ सरकार ने जो रवैया अपनाया है वह बताता है कि सरकार कर्मचारी विरोधी है और उनकी समस्या का निदान नहीं करना चाह रही है ।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 18 दिन से प्रदेश और राजधानी की यातायात व्यवस्था ठप्प पड़ी है । सरकार को प्रदेश की जनता व कर्मचारियों से कोई सरोकार नहीं है ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगामी 06 अक्टूबर के प्रदेश दौरे को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों से संवाद के लिए मंत्रियों की कमेटी का गठन किया है लेकिन सब जानते हैं कि इससे पहले भी अनेकों बार ऐसी कमेटियाँ बनी है और कई लिखित समझौते भी कर्मचारियों के साथ सरकार ने किए लेकिन इसे लागू करने में सरकार नाकाम रही है। पायलट ने कहा कि आगामी समय में चुनाव है और इसके मद्देनजर कांग्रेस पार्टी अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी तो उस दौरान सभी कर्मचारी वर्गों की वाजिब माँगों को उसमें शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आगामी चुनावों को लेकर यात्रा निकालने में व्यस्त हैं और शायद वह भूल गई हैं कि उन्हें जनता ने व्यवस्थाओं को सुचारू रखने व प्रशासन को संचालित करने का दायित्व दिया था।

Web Title: Rajasthan: Government's order on strike of employees, no work no pay

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